Edited By Vatika,Updated: 05 Oct, 2020 10:15 AM
लंबे समय के बाद नवजोत सिद्धू की नाराजगी अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई लग रही। इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि सिद्धू ने भरे मंच से कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को यह तक कह दिया कि ‘पहले भी उन्हें बिठाई रखा था पर अब न उन्हें रोका जाए।
मोगा: लंबे समय के बाद नवजोत सिद्धू की नाराजगी अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई लग रही। इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि सिद्धू ने भरे मंच से कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को यह तक कह दिया कि ‘पहले भी उन्हें बिठाई रखा था पर अब न उन्हें रोका जाए। दरअसल मोगा के बधनी कलां में राहुल गांधी की रैली दौरान जब सिद्धू पूरे जोश में केंद्र पर निशाने साध रहे थे तो स्टेज की ज़िम्मेदारी संभाल रहे पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह सुक्खी रंधावा ने सिद्धु के संबोधन के दौरान उन्हें एक पर्ची थमा कर अपना भाषण जल्दी समाप्त करने के लिए कहा।
सुक्खी रंधावा द्वारा भाषण के दौरान टोकने पर सिद्धु बिखर पड़े और उन्होंने मंच से ही रंधावा को कहा कि ‘भाजी अज्ज न रोको, मैंने कहा कि घोड़े को इशारा काफी होता है बाकी और किसे दे लत्ता मारी। मैंनु पहला ही बोलण तो बहुत रोक लेया’। इतना ही नहीं सिद्धू ने पंजाब सरकार को भी इन कानूनों के मामले में अपनी जिम्मेवारी निभाने की ताकीद कर डाली। सिद्धू ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल है कि यदि कानून वापस नहीं लेते तो हम क्या करेंगे? यदि सरकार दूध पर समर्थन मूल्य देकर दूध की खरीद कर सकती है और हिमाचल में समर्थन मूल्य पर सेब खरीदा जा सकता है तो पंजाब सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती? सरकारें समाधान देती हैं और सरकार एम.एस.पी. दे।
पंजाब सरकार सैंकड़ों-करोड़ रुपए की दाल पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के लिए अन्य राज्यों और विदेश से खरीद रही है। वह दाल पंजाब में क्यों पैदा नहीं की जा सकती? हम तिलहन पर समर्थन मूल्य क्यों नहीं दे सके? किसान समझदार है, वह गेहूं और धान इसलिए बीजता है क्योंकि उसे समर्थन मूल्य मिलता है। आज हमारे पास मौका है और हम इस मामले में आत्मनिर्भर बनें। किसान यूनियन को-ऑप्रेटिव बनाएं और इकट्ठे हो जाएं तो हम इस जंग को जीत सकते हैं। फूड सिक्योरिटी एक्ट, फसलों पर समर्थन मूल्य सरकार ने दिया। पंजाब सरकार स्टोरेज दे, स्टोरेज की कैपेसिटी दे और समर्थन मूल्य दे, बस में भी चढ़ जाओ तो वहां लिखा होता है कि सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेवार है।