Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jul, 2017 01:13 PM
फास्ट-वे कम्पनी के केबल कनैक्शनों का सही आंकड़ा जुटाने के लिए लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू के निर्देशों पर जो डोर-टू-डोर सर्वे शुरू करवाया गया है। उसके तहत लगे नगर निगम कर्मियों को सरकारी खंभों पर डाली गई
लुधियाना: फास्ट-वे कम्पनी के केबल कनैक्शनों का सही आंकड़ा जुटाने के लिए लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू के निर्देशों पर जो डोर-टू-डोर सर्वे शुरू करवाया गया है। उसके तहत लगे नगर निगम कर्मियों को सरकारी खंभों पर डाली गई केबल तारों का ब्यौरा भी जुटाने का जिम्मा सौंप दिया गया है।भले ही कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा बादल परिवार की करीबी मानी जाती केबल कम्पनी को सीधा निशाना बनाने से गुरेज किया जा रहा है लेकिन सिद्धू ने पूरा मोर्चा खोला हुआ है।
खंभों पर डाली तारों का खाका होगा तैयार
वह विधानसभा से लेकर सार्वजनिक तौर पर कम्पनी का कच्चा चिट्ठा खोलने में जुटे हुए हैं। उसके तहत हर घर में लगे केबल कनैक्शन का ब्यौरा इकट्ठा करवाया जा रहा है। जिस काम पर सेवादारों, डाटा एंट्री आप्रेटरों, पंप आप्रेटर, हैल्थ वर्कर, क्लर्क, बिल डिस्ट्रीब्यूटर, हाऊस टैक्स इंस्पैक्टर, जे.ई., सैनेटरी इंस्पैक्टरों को लगाया गया है। उनको वार्ड वाइज ड्यूटी देने के अलावा एस.डी.ओ., सुपरिंटैंडैंट व एक्सियनों को ग्रुप या जोन का नोडल अफसर बनाया गया है। सूत्रों की मानें तो सर्वे का उद्देश्य सैट टॉप बाक्स का सही आंकड़ा पता लगाना है, क्योंकि इन बाक्स को इम्पोर्ट करने का टैक्स न देने सहित कनैक्शनों की संख्या के मुताबिक सर्विस टैक्स की चोरी करने का आरोप सिद्धू द्वारा कम्पनी पर लगाया जा रहा है। इसके अलावा सिद्धू ने बिना मंजूरी के अंडर ग्राऊंड केबल डालने तथा बिजली विभाग व निगम के खंभों पर तारें डालने कारण राजस्व का नुक्सान होने का मुद्दा भी उठाया हुआ है। उसके तहत तारें डालने की मंजूरी देने की डिटेल तैयार हो रही है तथा अब डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान खंभों पर डाली तारों का खाका भी तैयार होगा। इसके मुताबिक बनते टैक्स व जुर्माने की वसूली के लिए कम्पनी को नोटिस भेजा जाएगा।
पिछले साल से भी डाऊन आ गई बकाया टैक्स की रिकवरी
निगम द्वारा खाली खजाने के दौर से उबरने के लिए बकाया राजस्व की रिकवरी संबंधी जो मुहिम चलाई है। उसके नतीजों को रिव्यू करने के लिए एडीशनल कमिश्नर ऋषिपाल सिंह द्वारा बुलाई मीटिंग में खुलासा हुआ कि रेवैन्यू कलैक्शन के अलावा प्रापर्टी टैक्स व पानी-सीवरेज के बकाया बिलों की वसूली का आंकड़ा पिछले साल से भी डाऊन आ गया है। उसके मद्देनजर आदेश दिए गए कि पहले कमर्शियल यूनिटों को निशाना बनाकर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया मुकम्मल की जाए। उसके बाद भी टैक्स न जमा करवाने वालों पर बिल्डिंग सील करने या कनैक्शन काटने की कार्रवाई की जाए।