चुनाव के साइड इफैक्ट: 2 विधायक रह चुके हैं पार्षद, 3 और एम.एल.ए. बनने की दौड़ में

Edited By Updated: 12 Feb, 2017 02:02 AM

side effects of the elections  the councilors mla 2  3 and mla in the race

पूर्व मंत्री रह चुके मनोरंजन कालिया 1991 में जालन्धर नगर निगम में भाजपा

मनोरंजन कालिया:
पूर्व मंत्री रह चुके मनोरंजन कालिया 1991 में जालन्धर नगर निगम में भाजपा पार्षद रहे और 1997 तक उनका कार्यकाल रहा जिसके बाद उन्होंने बाकी चुनाव विधायक बनने हेतु लड़े। इस बार भी वह जालन्धर सैंट्रल क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार बने। 

के.डी. भंडारी:
पूर्व मुख्य संसदीय सचिव के.डी. भंडारी 1997 में जालंधर नगर निगम से भाजपा पार्षद का चुनाव जीते। अगली बार 2002 में भी उन्होंने उसी वार्ड से पार्षद का चुनाव जीता और 2007 तक पार्षद रहे। अगले 2 चुनाव उन्होंने विधायक हेतु लड़े और जीते। इस बार वह जालन्धर नार्थ से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़े। 

रजिन्द्र बेरी:
पूर्व जिला कांग्रेस प्रधान रजिन्द्र बेरी इस बार जालन्धर सैंट्रल से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रहे। बेरी ने 1997 में जालन्धर नगर निगम से पार्षद का चुनाव जीता और 2002 तक पार्षद रहे। वह 2007 से 2012 तक भी अपने वार्ड से पार्षद रहे। उनकी धर्मपत्नी भी 2 बार पार्षद चुनाव जीतीं। 

सुशील रिंकू: 
अपने पिता स्व. राम लाल की अकस्मात मृत्यु के बाद सुशील रिंकू 2006 में हुआ उपचुनाव जीत कर जालन्धर नगर निगम में पार्षद बने। उसके बाद 2007 और 2012 में भी सुशील रिंकू ने लगातार 2 बार पार्षद का चुनाव जीता। इस बार वह जालन्धर वैस्ट क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार बने। 

दर्शन लाल भगत:
इस बार जालन्धर वैस्ट क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार दर्शन लाल भगत 2007 में निगम चुनाव भाजपा टिकट पर जीते और 2012 में उन्होंने निगम चुनाव आजाद रूप से जीता।

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