Edited By swetha,Updated: 07 Oct, 2018 03:56 PM
श्री हरिमंदिर साहिब में श्री दरबार साहिब की दर्शनीय ड्योढ़ी के नए तैयार किए गए दरवाजों की स्थापना आज जयकारों की गूंज में की गई। ये दरवाजे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा बाबा कश्मीर सिंह भूरीवालों से कारसेवा के द्वारा तैयार करवाए गए हैं।...
अमृतसर (दीपक): श्री हरिमंदिर साहिब में श्री दरबार साहिब की दर्शनीय ड्योढ़ी के नए तैयार किए गए दरवाजों की स्थापना आज जयकारों की गूंज में की गई। ये दरवाजे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा बाबा कश्मीर सिंह भूरीवालों से कारसेवा के द्वारा तैयार करवाए गए हैं। दरवाजे स्थापित करते समय श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह ने अरदास की। इससे पहले श्री अकाल तख्त साहिब के सम्मुख एक संकल्प समागम आयोजित किया गया जिसमें श्री हरिमंदिर साहिब के हजूरी रागी जत्थों द्वारा गुरबाणी कीर्तन किया गया।
इस दौरान एस.जी.पी.सी. के प्रधान गोङ्क्षबद सिंह लौंगोवाल ने कहा कि पवित्र स्थान श्री हरिमंदिर साहिब की दर्शनीय ड्योढ़ी के बेहद सुंदर दरवाजों की कारसेवा भूरीवालों द्वारा बाबा कश्मीर सिंह और बाबा सुखविंद्र सिंह के नेतृत्व में पुरातन दरवाजों की तरह ही तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी उतारे गए पुरातन दरवाजों को सुरक्षित संभाल कर रखेगी। शिरोमणि कमेटी प्रधान लौंगोवाल द्वारा बाबा कश्मीर सिंह भूरीवालों सहित उपस्थित अन्य महापुरुषों को सिरोपा देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर जूनियर उप-प्रधान हरपाल सिंह, महासचिव गुरबचन सिंह, अतिरिक्त हैड ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह आदि मौजूद थे।
पुरातनता और सुंदर मीनाकारी का सुमेल हैं नए दरवाजे
श्री हरिमंदिर साहिब श्री दरबार साहिब की दर्शनीय ड्योढ़ी के नए लगाए गए दरवाजे पुरातन दरवाजों की तरह हूबहू बनाए गए हैं। दरवाजे तैयार करने के लिए टाहली की काली लकडी इस्तेमाल की गई है और इसके एक तरफ चांदी की परत और दूसरी तरफ समुद्री सीप के साथ सुंदर मीनाकारी की गई है। दरवाजों की ऊंचाई 118 इंच, जबकि चौड़ाई 110 इंच है। इनके बाहर के हिस्से पर 60 किलो चांदी लगाई गई है।