Edited By swetha,Updated: 04 Jul, 2019 11:04 AM
: राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान राज्यसभा सांसद और प्रदेशाध्यक्ष श्वेत मलिक ने पंजाब की कैप्टन सरकार को घेरते हुए कहा कि पंजाब सरकार पराली जलाने की रोकथाम करने में फेल साबित हुई है। कैप्टन सरकार ने जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ किया है। पिछले साल...
अमृतसर(कमल): राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान राज्यसभा सांसद और प्रदेशाध्यक्ष श्वेत मलिक ने पंजाब की कैप्टन सरकार को घेरते हुए कहा कि पंजाब सरकार पराली जलाने की रोकथाम करने में फेल साबित हुई है। कैप्टन सरकार ने जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ किया है। पिछले साल केंद्र सरकार ने पराली जलाने की रोकथाम के उपायों के लिए पंजाब सरकार को 270 करोड़ रुपए भेजे थे जिसे कैप्टन सरकार डकार गई है।
मलिक ने राज्यसभा में कहा कि पंजाब में मशीनी कटाई के बाद चावल, गेहूं और गन्ने की पराली को जलाया जाता है, जिससे भारी संख्या में कार्बन डाईआक्साइड में वृद्धि होती है। इससे लोगों खासकर बच्चों को सांस लेने की गंभीर बीमारी होती है और भारी संख्या में लोगों को जीवन से हाथ धोना पड़ा है व पर्यावरण को नुक्सान होता है। इसके अलावा धुएं से लोगों का जीना मुश्किल हो जाता है व मास्क लगाकर काम करना पड़ता है। मलिक ने मांग की कि सांसदों और उच्चस्तरीय अधिकारियों का शिष्टमंडल पंजाब में 270 करोड़ रुपए की ग्रांट के घोटाले की जांच करने के लिए भेजा जाए। इस पर राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने मलिक की मांग को संबंधित मंत्रालय को उचित कार्रवाई के लिए भेजा।