Edited By Sonia Goswami,Updated: 25 Apr, 2018 08:49 AM
जम्मू-कश्मीर के लोग गत कई वर्षों से पाकिस्तानी आतंकवाद का संताप झेल रहे हैं।
जालंधर(जोगिंद्र संधू): जम्मू-कश्मीर के लोग गत कई वर्षों से पाकिस्तानी आतंकवाद का संताप झेल रहे हैं। इस काली खेल कारण राज्य के लोगों को जान-माल के रूप में भारी कीमत चुकानी पड़ी है। पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा सीमा पार से भारतीय क्षेत्रों तथा सुरक्षा बलों की चौकियों को निशाना बनाकर की जाती गोलीबारी ने भी अनगिनत बेकसूर नागरिकों तथा सैनिकों की जानें ली हैं।
भारत द्वारा शांति के लिए बार-बार कदम उठाए जाने के बावजूद पाकिस्तान अपनी घटिया साजिशों से बाज नहीं आ रहा जिस कारण सरहदी क्षेत्रों में हर समय तनाव बना रहता है। सरहदी क्षेत्रों के नागरिकों को जहां हर समय खतरे का डर सताता रहता है वहीं रोजी-रोटी की ङ्क्षचता भी बनी रहती है। ऐसे पीड़ित परिवारों का दर्द महसूस करते हुए श्री विजय कुमार चोपड़ा जी की के नेतृत्व में पंजाब केसरी पत्र समूह द्वारा पिछले 20 वर्षों से एक विशेष राहत मुहिम चलाई जा रही है।
इस मुहिम अधीन 472वें ट्रक की राहत सामग्री गत दिनों सांबा सैक्टर के सरहदी गांव रामगढ़ में बांटी गई। इस मौके पर अलग-अलग गांवों से जुड़े परिवारों के सदस्यों को घरेलू इस्तेमाल का सामान मुहैया करवाया गया।
इस बार की राहत सामग्री पंजाब के मालवा क्षेत्र से संबंधित दानवीरों द्वारा श्याम समाज सेवा आश्रम समाना से भिजवाई गई थी। यह सामग्री भिजवाने में मदन लाल परदेसी तथा वीर भान जय सिंह ने विशेष भूमिका निभाई जिसमें 300 परिवारों के लिए प्रति परिवार 10 किलो आटा, 10 किलो चावल तथा 1 कंबल शामिल था।
राहत सामग्री वितरित करने के लिए प्रभावित इलाकों में जाने वाली टीम का नेतृत्व जे.बी. सिंह चौधरी, अम्बैसेडर आफ गुडविल कर रहे थे। इस टीम में योग गुरु वरिंद्र शर्मा, फिरोजपुर से जगबाणी के प्रतिनिधि कुलदीप भुल्लर, जीरा के दविंद्र अकालियां वाला, जालंधर के समाज सेवी इकबाल सिंह अरनेजा, परगट सिंह भुल्लर, रौकी कथूरिया तथा हैप्पी भुल्लर भी शामिल थे।
रामगढ़ में यह सामग्री लायंज क्लब के प्रधान सरबजीत सिंह जौहल की देखरेख में बांटी गई। इस मौके पर शिव कुमार चौधरी, राम सिंह भगत, निर्मल सिंह, स्वर्ण सिंह तथा प्रकाश चौधरी ने भी सामग्री बांटने में सहायता की। सामग्री लेने वाले परिवारों के सदस्य रामगढ़ के अलावा रजवाल, कमोर, परिंडियां, पलौटा, बरोटा तथा रमलू आदि गांवों से संबंधित थे।