स्कूलों में लगेंगे शिकायत बॉक्स, DEO को हर महीने बनानी होगी रिपोर्ट

Edited By Vaneet,Updated: 12 Jun, 2018 08:30 PM

schools will have to make complaint box deo every month

बेशक पंजाब स्टेट महिला कमिशन के आदेशों के बाद ही लेकिन राज्य का शिक्षा विभाग अब स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर ....

लुधियाना(विक्की): बेशक पंजाब स्टेट महिला कमिशन के आदेशों के बाद ही लेकिन राज्य का शिक्षा विभाग अब स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर कुछ गंभीरता दिखाने लगा है। इस श्रंखला में स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य के समूह जिला शिक्षा अधिकारियों को उक्त संबंधी दिशा-निर्देश जारी करते हुए इसे स्कूलों में लागू करवाने को कहा है। महिला कमिशन के आदेशों का हवाला देते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के सहायक डायरैक्टर ने राज्य के समूह स्कूलों में शिकायत बाक्स लगाने के आदेश स्कूल प्रमुखों व डीईओज़ को जारी किए है। यही नहीं डीईओज़ को कहा गया है कि इस शिकायत बाक्स में प्रति महीने आने वाले शिकायतें अपने पास मंगवाई जाए और प्रति 6 महीने बाद इसकी रिपोर्ट महिला कमिशन के पास भेजी जाए। 

लुधियाना में 4 महीने दोरान सामने आए 2 मामले 
बात अगर लुधियाना की करें तो जिले की रायकोट तहसील के विभिन्न 2 स्कूलों में पिछले 4 महीने से घटित घटनाओं के बाद यह कदम लुधियाना के लिए तो जरूरी भी हो गया था क्योंकि उक्त दोनों स्कूलों में तो गुरू शिष्य के रिश्ते को तार तार करते हुए स्कूल के अध्यापक ने ही छात्राओं के साथ छेड़छाड़ कर दी। एक स्कूल में तो छात्रा के साथ अध्यापक ने शर्मनाक करतूत करने के बाद उसका गर्भपात करवा दिया। हालांकि दोनों मामलों में पुलिस ने आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की लेकिन कहीं ना कहीं स्कूलों में भी छात्राओं को जागरूक करने के लिए मुहिम शुरू जाने की मांग उठने लगी थी। इसी बीच गत माह पंजाब स्टेट महिला कमिशन की चेयरपर्सन ने मीटींग दोरान कई महत्वपूर्ण फैसले लेकर इसे लागू करने के आदेश भी शिक्षा विभाग को जारी किए। 


छात्राओं को दी जाए गुड टच और बैड टच की जानकारी
महिला कमिशन की चेयरपर्सन ने शिक्षा विभाग को सुझाव दिया है कि समूह स्कूलों में प्रति महीने किसी एनजीओ या सोशल एक्टिविस्ट को बुलाकर लड़कियों की गुड टच और बैड टच बारे भी कौंसलिंग करवाई जाए। इसके अलावा स्कूलों में छात्राओं को साईबर क्राईम बारे भी पूर्ण जानकारी मुहैया करवाने के आदेश भी कमिशन ने जारी किए हैं। 


कमिशन ले रहे गंभीर मामलों का संज्ञान और शिक्षा विभाग सो रहा
पहले प्रौटैकशन ऑफ चाईल्ड राईट कमिशन और अब स्टेट महिला कमिशन द्वारा स्कूली विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर जारी किए गए निर्देशों के बाद एक बात तो साफ है कि सरकार द्वारा गठित किए गए कमिशन ही गंभीर मामलों का संज्ञान लेते हैं जबकि संबंधित शिक्षा विभाग शायद कुंभकर्णी नींद सो रहा है या फिर ऐसे मामलों को लेकर गंभीर नहीं है। अगर विभाग गंभीर होता तो ऐसे आदेश पहले ही जारी कर सकता था। 

एक ताजा मामले में तो लुधियाना के रायकोट तहसील के सरकारी स्कूल के कंपयूटर टीचर द्वारा 8वीं की छात्रा के साथ छेड़छाड़ करने का मामला ध्यान में आने पर प्रौटैकशन ऑफ चाईल्ड राईट कमिशन के चेयरमैन ने ही मामले का संज्ञान लेते हुए डीईओ लुधियाना से मामले की जांच रिपोर्ट मंगवाने के बाद डीपीआई को आदेश जारी किए कि कंपयूटर टीचर को सस्पैंड किया जाए और एसएसपी जगरांव को भी टीचर पर मामला दर्ज करने के लिए कहा था। कमिशन के आदेश के बाद ही दोनों विभागों ने अपनी कारवाई को अमलीजामा पहनाया। 

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