Edited By swetha,Updated: 30 Apr, 2018 05:03 PM
बुलंद हौसले और ऊंची सोच के चलते हर इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है। यह सच कर दिखाया है गुरदासपुर के गांव छीना के सरपंच पंथदीप सिंह ने। गांव छीना के सरपंच की तरफ से किए गए विकास कार्यों के लिए गांव को नैशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया। दरअसल पंथदीप...
गुरदासपुरः बुलंद हौसले और ऊंची सोच के चलते हर इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है। यह सच कर दिखाया है गुरदासपुर के गांव छीना के सरपंच पंथदीप सिंह ने। गांव छीना के सरपंच की तरफ से किए गए विकास कार्यों के लिए गांव को नैशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया। दरअसल पंथदीप सिंह 2013 में सबसे कम उम्र और सबसे अधिक पढ़े लिखे सरपंच बने थे।
उन्होंने गांव के विकास के लिए पूरी जी-जान से मेहनत की। उनकी तरफ से गांव में सिवरेज व्यवस्था, स्ट्रीट लाईटस, इंटरलाक टाइलस, बैठने के लिए लगाए गए बैंच विकास कार्यों की मुंह बोलती तस्वीर है। इसके इलावा गांव की हर गली का नाम किसी महान शख्सियत के नाम पर रखा गया है । गांव के सरपंच की तरफ से गांववासियों के सहयोग से किए इन विकास कार्यों के लिए 24 अप्रैल को पंचायती राज्य दिवस के मौके मध्य प्रदेश के जबलपुर में भारत सरकार की तरफ से दीन दयाल उपाध्याय सशक्तिकरन पुरुस्कार के साथ सम्मानित किया गया। अवार्ड लेकर वापिस लौटे सरपंच का ढोल-धमाकों से शानदार स्वागत किया गया। गांव के सरपंच की तरफ से किया गया यह प्रयास काबिले तारीफ है। उनकी तरफ से गांव के विकास के लिए किए जा रहे काम दूसरों को भी कुछ करन गुजरने की प्रेरणा देते हैं।