Edited By swetha,Updated: 02 Aug, 2018 08:14 AM
पंजाब सरकार ने अगले महीने होने वाले पंचायती चुनावों में चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों के लिए डोप टैस्ट को अनिवार्य बनाने की दिशा में कदम उठाने का निर्णय लिया है। सरकारी हलकों से पता चला है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने जहां नशों पर नियंत्रण...
जालन्धर(धवन): पंजाब सरकार ने अगले महीने होने वाले पंचायती चुनावों में चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों के लिए डोप टैस्ट को अनिवार्य बनाने की दिशा में कदम उठाने का निर्णय लिया है। सरकारी हलकों से पता चला है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने जहां नशों पर नियंत्रण पाने के लिए सरकारी स्तर पर पिछले एक महीने के दौरान कड़े कदम पुलिस व प्रशासनिक स्तर पर उठाए हैं वहीं पर पंचायती राज मंत्री तृप्त राजिन्द्र सिंह बाजवा को पंचायती चुनावों में डोप टैस्ट को अनिवार्य बनाने के लिए हरी झंडी प्रदान कर दी है।
अब पंचायती मंत्री बाजवा द्वारा अगले कुछ दिनों में राज्य चुनाव आयोग को लिखित तौर पर आग्रह किया जाएगा कि पंचायती चुनावों में डोप टैस्ट को अनिवार्य बनाया जाए। इसका अर्थ यह है कि प्रत्येक पार्टी के उम्मीदवार को चुनाव लडऩे से पहले अपना डोप टैस्ट करवाना पड़ेगा। डोप टैस्ट में नशों का पता लगने पर संबंधित कोई भी उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ सकेगा।
सरकारी हलकों ने बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पंचायती चुनाव में नशा करने वाले नेताओं को चुनाव लडऩे से दूर रखने संबंधी कड़ा फैसला ले लिया है। अब राज्य सरकार लिखित तौर पर जब पंजाब चुनाव आयोग को अपने फैसले की जानकारी दे देगी तो फिर चुनाव आयोग को चुनावी अधिकारियों की मार्फत डोप टैस्ट के फैसले को लागू करवाना होगा। अगर राज्य चुनाव आयोग समझेगा कि उसे केंद्रीय चुनाव आयोग से इसकी अनुमति लेनी है तो वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र होगा। पंचायती मंत्री तृप्त राजिन्द्र बाजवा का मानना है कि अगर कोई सरपंच नशा करता है या स्मैक लेता है तो फिर उसे सरपंच निर्वाचित होने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
नशों पर नियंत्रण के लिए कैप्टन सख्त
सरकार अगर चुनाव आयोग की मदद से निम्र स्तर पर पंचायती राज संस्थाओं में चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों पर नशों को लेकर अपना फैसला लागू करवा देती है तो यह उसकी बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी। पंजाब कैबिनेट ने पहले ही नशा तस्करों को फांसी की सजा देने का प्रस्ताव पास करके केंद्र को भेजा हुआ है। इसी तरह से पुलिस के निम्र स्तरीय ढांचे में भी फेरबदल करने के निर्देश राज्य पुलिस प्रमुख द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देशों पर जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए डोप टैस्ट को अनिवार्य बना दिया था। अनेकों मंत्रियों व विधायकों ने भी अपना डोप टैस्ट करवाया।