Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Sep, 2017 12:14 PM
शहीदी समागम के दौरान उस समय स्थिति रोचक बन गई जब अपनी तकरीर के दौरान भाई बलजीत सिंह दादूवाल ने व्यंग्यमयी अंदाज में कहा कि डेरा सिरसा का अब नया मुखी बनाने की कोई जरूरत नहीं है।
नवांशहरः शहीदी समागम के दौरान उस समय स्थिति रोचक बन गई जब अपनी तकरीर के दौरान भाई बलजीत सिंह दादूवाल ने व्यंग्यमयी अंदाज में कहा कि डेरा सिरसा का अब नया मुखी बनाने की कोई जरूरत नहीं है।
डेरे को आर्मी काम्पलैक्स, गौशाला या किसी अन्य प्रोजैक्ट में तबदील कर देना चाहिए। यदि डेरा मुखी बनाने की जरूरत है तो सुखबीर बादल को ही डेरा सिरसा का मुखी बना देना चाहिए। ऐसा होने पर दोनों बादल पिता-पुत्र डेरे पर बैठ कर अपनी वोटें पक्की कर सकते हैं, वहां से रोहतक जेल में डेरा मुखी को लंगर भी पहुंचा सकते हैं।