Edited By Updated: 20 Apr, 2017 01:22 PM
बादलों द्वारा पावन सिख तख्तों और तख्तों के जत्थेदारों की निजी राजनीति के लिए किए जा रहे दुरुपयोग का सच वह पंथ के सामने रखते आ रहे
तलवंडी साबो (मुनीश): बादलों द्वारा पावन सिख तख्तों और तख्तों के जत्थेदारों की निजी राजनीति के लिए किए जा रहे दुरुपयोग का सच वह पंथ के सामने रखते आ रहे हैं, जिस पर बादलों द्वारा लगाए जत्थेदार ही मोहर लगा रहे थे और अब पंथ के सामने कोई पर्दा नहीं रखना चाहिए। ये शब्द सरबत खालसा तख्त श्री दमदमा साहिब के थापे जत्थेदार भाई बलजीत सिंह खालसा दादूवाल ने कहे।
उन्होंने कहा कि तख्त श्री दमदमा साहिब के बादलों द्वारा लगाए जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह ने बहुत सारे जत्थेदारों व तख्तों के सियासी दबाव में दुरुपयोग की परतें खोली हैं, जो सराहनीय है। पहले भी जत्थेदार बलवंत सिंह नंदगढ़ ने यह परतें खोलने का यत्न किया था, लेकिन वह पिछड़ गए, क्योंकि जत्थेदार होते उन्होंने यह सब कुछ नहीं बताया था, जब उनको जत्थेदारी से हटा दिया गया तब नंदगढ़ ने यह संगत को बताया जिस पर पंथ ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब गुरमुख सिंह द्वारा जत्थेदारी पर रहते हुए ये सभी पर्देफाश किए जा रहे हैं, जिससे संगत अवगत हो रही है। उन्होंने कहा कि डेरा सिरसा को दिए माफीनामे पर हस्ताक्षर करने के गुनाह से ज्ञानी गुरमुख सिंह को भले मुक्त नहीं किया जा सकता, लेकिन ज्ञानी गुरमुख सिंह को बादलों के पंथ विरोधी कारनामों के रहते भेद भी खोल देने चाहिएं।