Edited By swetha,Updated: 20 Mar, 2019 12:48 PM
साल 2007 में घग्गर दरिया को चौड़ा करने के लिए साथ लगते 9 गांवों के किसानों की 592 एकड़ जमीन एक्वायर की गई थी जिसका मुआवजा बेहद कम दिया जा रहा था। किसानों ने तब संगरूर अदालत का दरवाजा खटखटाया।
संगरूर(बेदी,जनूहा): साल 2007 में घग्गर दरिया को चौड़ा करने के लिए साथ लगते 9 गांवों के किसानों की 592 एकड़ जमीन एक्वायर की गई थी जिसका मुआवजा बेहद कम दिया जा रहा था। किसानों ने तब संगरूर अदालत का दरवाजा खटखटाया। अब उनको जल्द मुआवजा मिलने की उम्मीद जगी है। अदालत ने निर्देश जारी किए हैं कि संगरूर के डिप्टी कमिश्नर की रिहायश सहित 7 अन्य सरकारी प्रॉपर्टियों को नीलाम कर किसानों को उनका बनता मुआवजा प्रदान किया जाए।
एडवोकेट ललित गर्ग ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा मुनक खनौरी के पास से गुजरते घग्गर दरिया को चौड़ा करने के लिए किसानों की जमीन एक्वायर की गई थी जिसका किसानों को प्रति एकड़ मुआवजा 4.60 लाख रुपए ही दिया गया जिसको लेकर जमीन मालिक नाखुश थे। उन्होंने सरकार से अपनी जमीन की योग्य कीमत लेने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने निचली अदालत को आदेश दिए कि किसानों को प्रति एकड़ 39.80 लाख रुपए अदा किए जाएं।
इस पर स्थानीय निचली अदालत ने कार्रवाई कर किसानों को उनकी जमीन की वाजिब कीमत देने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए कि सरकार द्वारा किसानों के साथ किए धक्केशाही के लिए वह डी.सी. संगरूर की रिहायश, रैडक्रॉस दफ्तर, एस.डी.एम. मुनक का दफ्तर, पटवारखाना, रणबीर कॉलेज, रणबीर क्लब और बस स्टैंड को नीलाम कर इससे प्राप्त होने वाली राशि जमीन मकान मालिकों को मुआवजे के तौर पर दे जिससे किसानों के नुक्सान की भरपाई हो सके। अदालत ने 26 मार्च को उक्त स्थानों की नीलामी के नोटिस लगाने के निर्देश भी दिए हैं।