Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Sep, 2017 03:34 AM
प्रदेश के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के खासमखास संदीप संधू ने आफिसर ऑन स्पैशल ड्यूटी....
जालंधर(रविंदर शर्मा): प्रदेश के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के खासमखास संदीप संधू ने आफिसर ऑन स्पैशल ड्यूटी (ओ.एस.डी.) पद से इस्तीफा दे दिया है। कै. अमरेंद्र सिंह ने अपनी जुंडली के इस खास चेहरे को गुरदासपुर उप चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी है। संदीप संधू गुरदासपुर के लिए कूच कर गए हैं, जो वहां पर पार्टी प्रत्याशी सुनील जाखड़ की चुनावी मैनेजमैंट व कैंपेन की कमान संभालेंगे।
कांग्रेसी हलकों में इस बात की चर्चा है कि संदीप संधू ने गुरदासपुर उप चुनाव के मद्देनजर ओ.एस.डी. पद से अपना इस्तीफा दिया है या फिर कुछ समय पहले मुख्यमंत्री द्वारा ओ.एस.डी. के पर कुतरने के बाद इस इस्तीफे को दिया है। अब संदीप संधू को नए रूप में बेहद अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। गुरदासपुर उप चुनाव में हार व जीत उनका राजनीतिक भविष्य तय करेगी।
गौर हो कि संदीप संधू लंबे समय से कै. अमरेंद्र सिंह के साथ जुड़े हुए हैं। उन पर कैप्टन को इतना विश्वास है कि जब वह प्रदेश कांग्रेस प्रधान बने थे तो भी संदीप संधू को ही प्रदेश कांग्रेस दफ्तर का सारा कामकाज संभाला था। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी अपने 11 नवरत्नों में कैप्टन ने संदीप संधू को मौका दिया था। वह ओ.एस.डी. के साथ-साथ मुख्यमंत्री के पॉलीटिकल सैक्रेटरी का काम भी संभाल रहे हैं।
हालांकि पिछले कुछ समय से कैप्टन के पास उनके खिलाफ लगातार शिकायतें आ रही थीं। ये शिकायतें पार्टी विधायकों व पार्टी नेताओं ने पहुंचाई थीं। पार्टी विधायकों व नेताओं का आरोप था कि संदीप संधू उन्हें मुख्यमंत्री तक पहुंचने नहीं देते हैं। वहीं कैप्टन के पास लेकर जाने वाली हर शिकायत को वह अपने पास ही दबाकर रख लेते थे। इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए कुछ समय पहले मुख्यमंत्री ने सभी ओ.एस.डी. के पर कुतर दिए थे और सीधे सी.एम. आफिस को रिपोर्ट करने को कहा था।
अब नए रूप में एक बार फिर मुख्यमंत्री ने संदीप संधू को अहम जिम्मेदारी सौंपी है। इससे पहले भी 2014 के लोकसभा चुनाव व 2017 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी की तरफ से संदीप संधू अहम भूमिका निभा चुके हैं। अब देखना होगा कि वह अपनी नई जिम्मेदारी में कितना सफल हो पाते हैं। अगर वह यहां से पार्टी को जिताने में सफल रहे तो उनके तारे बुलंदियों पर होंगे और हारने की सूरत में उनका राजनीतिक भविष्य भी हिचकोले खाने लगेगा।