Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jul, 2017 02:25 PM
पंजाब में सरकार के गठन को 4 माह का समय पूरा हो गया है। इस दौरान सरकार एक बजट पेश कर चुकी है। रेत खनन मामले में सरकार के एक मंत्री राणा गुरजीत का नाम उछल चुका है।
पटियालाः पंजाब में सरकार के गठन को 4 माह का समय पूरा हो गया है। इस दौरान सरकार एक बजट पेश कर चुकी है। रेत खनन मामले में सरकार के एक मंत्री राणा गुरजीत का नाम उछल चुका है।
नवजोत सिंह सिद्धू की सक्रियता को लेकर लगातार सुॢखयां बन रही हैं। पंजाब के निगम चुनाव की तिथि को आगे बढ़ा दिया गया है। मुख्यमंत्री के पंजाब न आने पर विपक्ष आक्रामक है। पंजाब केसरी ने राज्य के वन व दलित भलाई मंत्री साधु सिंह धर्मसोत के साथ सरकार के कामकाज और उनके विभागों के काम को लेकर बातचीत की। पेश है पूरी बातचीत का ब्यौरा।
पंजाब में कई जगह हाईवे बनाने के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं। वन विभाग इस कमी को कैसे पूरा करेगा?
हमने राज्य में 3 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। हमारा विभाग स्कूलों, कॉलेजों, यूनिवॢसटियों के अलावा ऐसी हर मुमकिन जगह पर पौधे लगाने की तैयारी कर रहा है जहां पौधे अच्छे तरीके से पल-बढ़ सकते हैं। हमने पंचायतों के साथ बात की है और विभाग की तरफ से पंजाब की सारी पंचायतों को पौधे दिए जाएंगे। पंचायतों के पास काफी जमीन है। पंचायतें इन पौधों के जरिए न सिर्फ पर्यावरण सुधारने के लिए योगदान दे सकती हैं बल्कि ये पौधे उनके लिए आय का अच्छा साधन भी बन सकते हैं। इसके अलावा हम सरकार की उन सारी खाली जमीनों की पहचान कर रहे हैं जहां सरकारी इमारतें या तो जर्जर हालत में हैं या उन्हें बदल दिया गया है। ऐसे स्थानों पर भी पेड़ लगाए जाएंगे। जालन्धर में पुरानी जेल, पुराने डी.सी. ऑफिस और गांधी वनिता आश्रम की जगह खाली पड़ी है। यहां पर भी पेड़ लगाने का काम हो सकता है और हम इन संभावनाओं पर काम करेंगे।
वित्त मंत्री ने दलित भलाई मंत्रालय को बजट देने में कंजूसी दिखाई है। आपका क्या कहना है?
ऐसी बात नहीं है। दलित छात्रों को जो स्कॉलरशिप मिलती है वह पहले भी केंद्र से ही मिलती है लेकिन पूर्व सरकार की नालायकी के चलते पिछले कुछ सालों में दलित छात्रों को उनका हक नहीं मिला। पंजाब के केंद्र सरकार की तरफ 1100 करोड़ रुपए अभी भी बकाया है। मैंने इस संबंध में मुख्यमंत्री से भी बात की है और मैं दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्री से भी मिल कर आया हूं। दरअसल पुरानी सरकार ने इस रकम का यूटिलाइजेशन सर्टीफिकेशन केंद्र में नहीं दिया था। लिहाजा केंद्र ने ग्रांट रोक दी। मैंने उन्हें गुजारिश की है कि हम कागजी कार्रवाई बाद में करते रहेंगे और सरकार आपको यूटिलाइजेशन सर्टीफिकेट भी देगी लेकिन फिलहाल गरीब छात्रों की छात्रवृत्ति की रकम जारी की जाए क्योंकि इससे दलित छात्रों का नुक्सान हो रहा है। मैंने केंद्र सरकार को भरोसा दिलाया है कि हम इस मसले में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे और बेईमानों को सजा भी दी जाएगी।
विपक्ष का आरोप है कि सरकार निगम चुनाव से भाग रही है। आप क्या कहेंगे?
हमने यदि गुंडागर्दी से चुनाव जीतना होता तो हम अभी चुनाव करवा कर जीत सकते थे लेकिन हम ऐसा नहीं करना चाहते। राज्य में नगर निगमों की वार्डबंदी का काम पूरा नहीं हुआ है। महिलाओं को निगमों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए वार्डबंदी का काम पूरा होना जरूरी है, इसके अलावा कई स्थानों पर युवाओं को मतदाता सूची में शामिल किया जाना है। ये काम पूरे होने के बाद ही निगमों के चुनाव हो सकते हैं। हम भी अकाली दल की तरह बूथ कैप्चरिंग करवा कर एस.एच.ओ. और डी.एस.पी. के जरिए दबाव की राजनीति करके चुनाव जीत सकते थे लेकिन हम तथ्यों के साथ जनता के बीच जाएंगे और सही समय पर चुनाव करवाए जाएंगे।
बजट की घोषणाओं पर अमल कब शुरू होगा?
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार ने 100 दिन में बहुत बड़े फैसले किए हैं। पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान 10 साल तक किसानों को गेहूं और धान की फसल मंडी में बेचने के लिए 10-10 दिन मंडी में बैठना पड़ा था लेकिन हमारी सरकार के गठन के 15 दिन बाद ही हमने गेहूं की पूरी फसल समय पर उठवाई और अब धान की फसल के लिए किसानों को 8 घंटे बिजली दे रहे हैं। पिछली सरकार में किसान बिजली के लिए तरस गए थे। कैप्टन सरकार को एक साल का समय दिया जाए और एक साल के बाद विपक्ष हमसे बात करे। लोग अब राहत महसूस कर रहे हैं और आने वाले समय में और राहत महसूस करेंगे।
नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री कार्यालय ने धीमी बैटिंग करने की सलाह दी है। आप क्या कहेंगे?
मैंने ऐसी बात नहीं सुनी है। सिद्धू का अपना स्टाइल है। वह जैसे चलता है उसे चलने दो। वह देशद्रोही नहीं है और न ही वह कोई लूट मचा रहा है। मुख्यमंत्री को पता है कि नवजोत सिंह सिद्धू से कितना काम लेना है और कब काम लेना है। जिस दिन मुख्यमंत्री को लगेगा वह उसे खुद बोल देंगे क्योंकि मुख्यमंत्री को पता है कि सिद्धू क्या कर रहे हैं और क्यों कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री पंजाब कब आ रहे हैं?
पिछली सरकार के समय मुख्यमंत्री ने सचिवालय को ठेके पर दे दिया था और अफसरों की मौज लग गई थी। अफसर मनचाहे फैसले ले रहे थे लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा। मुख्यमंत्री दफ्तर में बैठे और काम कर रहे हैं। कई बार रात के 1-1 बजे तक एक दिन में 10-10 बैठकें होती हैं और अगले दिन अफसरों से उन बैठकों के नतीजों के बारे में पूछा जाता है। मुख्यमंत्री चंडीगढ़ में बैठ कर अफसरों की जवाबदेही तय कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का यही काम होता है जो वह कर रहे हैं।
पटियाला के लोग भी मुख्यमंत्री का दीदार चाहते हैं। आप क्या कहेंगे?
पटियाला के लोगों को एक पैसे की भी तकलीफ हो तो बताएं। लोगों को काम चाहिए। सी.एम. का काम घर-घर घूमना नहीं है। यह काम उनके विधायकों का है और सरकार के अफसरों का है। अफसर और विधायक सीधे जनता के सम्पर्क में रहते हैं। हम इस काम में उनकी मदद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को पूरे पंजाब का हिसाब रखना है। उन्हें यह पता करना है कि आज जालन्धर में क्या हुआ है और लुधियाना में लोगों को कैसी तकलीफ है और यदि उन्हें तकलीफ पता लग रही है तो वह विधायकों के जरिए उन तकलीफों का समाधान करवा रहे हैं।
कैबिनेट विस्तार कब होने जा रहा है?
मुख्यमंत्री जानते हैं कि उन्हें कितना काम करना है और कितनी टीम के साथ काम करना है। यह उनका फैसला है और उनकी ही मर्जी है। वह चाहें तो अभी हाईकमान के साथ बात करके किसी को भी शपथ दिला दें। यह उन्होंने देखना है कि राज्य किस हालत में है और इस हालत में उन्हें कितने लोगों की टीम चाहिए। यह फैसला उन पर छोड़ देना चाहिए।
राणा गुरजीत पर लगे विपक्ष के आरोपों पर आप क्या कहेंगे?
राणा गुरजीत सच्चे हैं। लिहाजा उन्होंने खुद आगे आकर अपना बचाव किया है। सच्चा व्यक्ति ही सामने से मुकाबला करता है। पिछली सरकार के दौरान रेत की खदानों से सरकार का राजस्व 44 करोड़ रुपए था और अब यह बढ़ कर 1,000 करोड़ रुपए हो रहा है, तो इसमें बुरा क्या है? राणा यदि अपनी पोजीशन का दुरुपयोग करते तो वह दोषी होते लेकिन रेत की खदान के साथ राणा के जिस कथित रसोइए का नाम जोड़ा जा रहा है तो उसने तो कई गुनाह ज्यादा पैसे देकर खदान हासिल की है। यदि कम पैसे में खदान ली होती तो सवाल उठाए जा सकते थे।
वन विभाग क्या कोई नया प्रयोग कर रहा है?
हमने पंजाब के वन क्षेत्र में उगी हुई झाडिय़ों को हटा कर वहां आम, पीपल, जामुन और नीम के पौधे लगाने की मुहिम शुरू की है। इससे राज्य में हरियाली बढ़ेगी और ये पेड़ देखने में भी सुंदर लगेंगे। इस मानसून सीजन में इस काम को और गति दी जाएगी।