विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर शिअद ने स्पीकर को सौंपा ज्ञापन

Edited By swetha,Updated: 26 Nov, 2019 12:02 PM

sad submitted a memorandum to the speaker

शिरोमणि अकाली दल ने  पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर स्पीकर से मुलाकात की।

चंडीगढ़(अश्वनी): शिरोमणि अकाली दल ने  पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर स्पीकर से मुलाकात की। इस दौरान शिअद नेताओं ने स्पीकर राणा के.पी. सिंह को ज्ञापन सौंपा। शिअद नेताओं ने कहा कि उन्होंने अपने ज्ञापन में स्पीकर से मांग की कि विधानसभा के विशेष सत्र की समयाविधि में इजाफा किया जाए ताकि जनता से जुड़े मुद्दों पर बात हो सके, विधायकों के प्रश्नों का जवाब मिल सके व ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने दिया जाए। 

बिक्रम मजीठिया, परमिंदर ढींडसा ने कहा कि संविधान दिवस पर बुलाए गए विशेष सत्र का मकसद जनता की आवाज को बुलंद करना होना चाहिए लेकिन पंजाब में जनता की आवाज दबाई जा रही है। मजीठिया ने विधायक अमरजीत संदोआ का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन की थी लेकिन उन्हें अब तक बर्खास्त नहीं किया गया। इसी कड़ी में अन्य विधायकों पर कार्रवाई नहीं करके संविधान को ताक पर रखा जा रहा है। मजीठिया ने बॄमघम में खालिस्तान समर्थकों द्वारा मुख्यमंत्री के विरोध पर कहा कि पंजाब को नुक्सान पहुंचाने वाले कभी सफल नहीं होंगे।

बिक्रम मजीठिया ने ब्रह्ममोहिंद्रा का हालचाल पूछा
स्वास्थ्य खराब होने के कारण काफी समय अस्पताल में भर्ती रहे कैबिनेट मंत्री ब्रह्ममोहिंद्रा का हालचाल पूछने के लिए आज पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया उनके आवास पर गए।
पूर्व मंत्री ने कहा कि ब्रह्ममोहिंद्रा एक सच्चे राजनीतिज्ञ हैं जिनका हर पार्टी का नेता सम्मान करता है। उन्होंने प्रार्थना की कि मंत्री सेहतमंद होकर कई सालों तक पंजाब के लोगों की सेवा करते रहें। 

पंजाब के वित्तीय संकट के लिए सरकार जिम्मेदार
पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर ढींडसा ने प्रदेश में वित्तीय आपातकाल के लिए सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। पंजाब सरकार जी.एस.टी. धन राशि का हो-हल्ला मचा रही है लेकिन यह जी.एस.टी. का पैसा 
नहीं है बल्कि जी.एस.टी. कम्पनसैशन का पैसा है। दरअसल, जी.एस.टी. काऊंसिल का एक फंड बना हुआ है। उसमें सभी राज्यों की हिस्सेदारी है। जी.एस.टी. पर लगने वाले सैस, सरचार्ज फंड में जाते हैं और इसी फंड से सभी को हिस्सेदारी मिलती है। केंद्र सरकार का इसमें कोई लेना-देना नहीं है। पंजाब सरकार की यह लापरवाही है कि वह कम्पनसैशन फंड पर निर्भर हो गई है। कम्पनसैशन तो 2 साल में खत्म हो जाएगी फिर पंजाब का क्या बनेगा। 

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