शिअद-भाजपा ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, कहा-पंजाब सरकार को किया जाए बर्खास्त

Edited By Vatika,Updated: 07 Aug, 2020 09:54 AM

sad bjp submitted memorandum to governor

पंजाब में अचानक पकड़ी जा रही लाखों लीटर अवैध शराब पर सवाल उठने लगे हैं। शिअद-भाजपा के नेताओं ने पूछा कि पिछले साढ़े 3 साल सरकार क्या कर रही

चंडीगढ़ (अश्वनी): पंजाब में अचानक पकड़ी जा रही लाखों लीटर अवैध शराब पर सवाल उठने लगे हैं। शिअद-भाजपा के नेताओं ने पूछा कि पिछले साढ़े 3 साल सरकार क्या कर रही थी। पहले ऐसी छापेमारी क्यों नहीं की गई। वीरवार को शिअद-भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन देकर पंजाब सरकार को तत्काल बर्खास्त करने का आग्रह किया।

प्रतिनिधिमंडल ने अवैध शराब के व्यापार से कांग्रेसी नेताओं की ओर से अर्जित की संपत्ति की वसूली के प्रवर्तन निदेशालय की जांच के अलावा हाईकोर्ट या सी.बी.आई. की ओर से जांच की सिफारिश करने का आग्रह किया है। सुखबीर बादल और भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के नेतृत्व में अकाली-भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से यह भी आग्रह किया कि डिस्टलरी से एकस्ट्रा न्यूट्रल एल्कोहल (ई.एन.ए.) की तस्करी रोकी जाए। उन्होंने मांग की कि पीड़ित परिवारों ने खडूर साहिब के विधायक रमनजीत सिंह सिक्की पर आरोप लगाए हैं, तो उनके खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाए। सभी 118 पीड़ित परिवारों के साथ-साथ जहरीली शराब पीने के बाद गंभीर प्रभावित होने वालों का पुनर्वास किया जाए। उन्होंने कहा कि यह त्रासदी राज्य संरक्षण का प्रत्यक्ष परिणाम है और यही कारण है कि तीनों जिलों अमृतसर, तरनतारन और गुरदासपुर के लोग इस जहरीली शराब की चपेट में आ गए हैं। प्रतिनिधिमंडल में बलविंद्र सिंह भूंदड़, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, हीरा सिंह गाबडिय़ा, डा. दलजीत सिंह चीमा, शरनजीत सिंह ढिल्लों तथा मनजिंद्र सिंह सिरसा भी शामिल थे। 

पीड़ित कमलजीत कौर ने कहा, मुझे मिल रही हैं धमकियां 
पीड़ित परिवार की सदस्य कमलजीत कौर ने राज्यपाल को बताया कि जबसे उन्होंने खडूर साहिब के विधायक के खिलाफ 
शिकायत दर्ज करवाई है, तब से उन्हें धमकी दी जा रही है। उसे परिवार के 2 सदस्यों की मौत के लिए 2 लाख रुपए का मुआवजा देने से भी इंकार किया जा रहा है।

आरोप के बावजूद विधायकों पर कार्रवाई नहीं
सुखबीर ने कहा कि राजपुरा और खन्ना में अवैध शराब मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। कांग्रेस के 2 विधायकों मदन लाल जलालपुर और हरदयाल सिंह कंबोज पर मुख्य अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। बार-बार अनुरोध करने के बावजूद सरकार ने ई.डी. तक केस फाइलें पहुंचाने से इंकार कर दिया, क्योंकि वह इस मामले में पैसे के बंटवारे को उजागर नहीं करना चाहते। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि शराब तस्करी में लिप्त होने और ई.एन. की अवैध रूप से बाजार में बिक्री के आरोपी मुख्यमंत्री के धार्मिक सलाहकार परमजीत सिंह सरना और विधायक राणा गुरजीत सिंह के परिवार सहित कांग्रेस सहयोगियों की ओर से संचालित 2 डिस्टलरी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इसमें कहा गया है कि इस त्रासदी के पीछे जहरीली शराब थी। 

राहुल इस त्रासदी पर चुप क्यों : बादल
सुखबीर बादल ने राजभवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सुनील जाखड़ और राहुल गांधी इस त्रासदी के बारे में चुप थे, क्योंकि शराब के अवैध कारोबार से आने वाला पैसा कांग्रेस आलाकमान तक जा रहा था। 

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