Sacrifice :धर्म बदलने के लिए जब बकरों की तरह काट दिए जाते थे इंसान

Edited By Suraj Thakur,Updated: 10 Jan, 2019 12:44 PM

sacrifice of sikhs in history

आगामी रविवार को गुरू गोबिंद सिंह जयंती है। इस मौके पर आप को बताने जा रहे हैं सिखों के बलिदान की वो दास्तां जिसे सुनकर दिल दहलने लगता है।

जालंधर। (सूरज ठाकुर) आज हमारे देश में धर्म परिवर्तन एक बहुत बड़ा मुद्दा है, न जाने कितने ही हिंदु अपना धर्म छोड़ कर इसाई धर्म को अपना लेते हैं। जागरूक कर उन्हें वापिस हिंदू धर्म में भी लाया जाता रहा है। आगामी रविवार को गुरू गोबिंद सिंह जयंती है। इस मौके पर आप को बताने जा रहे हैं सिखों के बलिदान की वो दास्तां जिसे सुनकर दिल दहलने लगता है। मुगलकाल में जब हिंदुओं को धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य किया जा रहा था तो सिर्फ सिख गुरूओं ने मुगलों को मुंहतोड़ जवाब दिया। पूरी सिख कौम मुगलों के साथ लड़ती रही। यह एक ऐसा दौर था जब धर्म परिवर्तन के लिए इनकार करने पर लोगों को बकरों की तरह काट दिया जाता था। बच्चों के टुकड़े कर उनकी मांओं की गोद में डाल दिए जाते थे। पढ़े पूरी खबर... 


जिहाद के नाम पर धर्म परिवर्तन...PunjabKesari
सिखों का इतिहास बलिदान का ही रहा है। चाहे हम मुगलकाल की बात करें या फिर ब्रिटिशकाल की, सिख समुदाय ने अपनी जान जोखिम में डालकर धर्म की रक्षा ही की है। ऐसे कई अनगिनित किस्से हैं जिन्हें अंगुलियों पर गिनाया जा सकता है। औरंगजेब के समय में हिंदुओं और सिखों पर मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए कहर ढाया गया। मुगल सेना को जो भी हिंदु या सिख सरे राह मिलता उसे जिहाद के नाम पर धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य किया जाता था। इनकार करने पर उन्हें दिल दहला देने वाली यातनाएं दी जाती थी।   

भाई मतिदास के सिर पर चलवाया था आरा... PunjabKesari
हिंदुत्व के प्रतीक भाई मतिदास को जब इस बात की खबर हुई कि धर्म परिवर्तन के लिए हिंदुओं को बकरों की तरह काटा जा रहा है तो उन्होंने इसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और मुगल शासकों का डटकर विरोध किया। नतीजन औरंगजेब की सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और उनके सिर पर आरा चलवा कर उनके शरीर के दो हिस्से कर दिए।

खोलते हुए पानी में उबाल देते थे जिंदा इंसानों को...PunjabKesari
औरंगजेब के हुक्कम पर तामील करते हुए मुगल सेना सिखों को बंदी बनाकर उन्हें दर्दनाक यातनाएं देती थीं। धर्म परिवर्तन के लिए इनकार करने पर उन्हें कोड़ों से पीटा जाता था। उन्हें नग्न कर उनका मांस तक नोंच लिया जाता था। लेकिन वे टस से मस नहीं होते थे। उस समय कई सिखों को खोलते हुए पानी के कढ़ाओं में डालकर मार दिया जाता था। इन यातनाओं को सह कर सिखों ने अपने धर्म की रक्षा की और शहीद हो गए।

बच्चों के टुकड़े कर डाल देते थे मां की गोद में...PunjabKesari  
औरंगजेब के जमाने में सिख महिलाओं को भी धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य किया जाता था। इनकार करने पर मुगल सेना छोटे-छोटे बच्चों के टुकड़े-टुकड़े कर माओं की गोद में डाल देती थी। सिखों के बलिदान के दौर में मांओं ने अपने बच्चों की कुर्बानी दे दी, मगर धर्म नहीं बदला। कहते हैं कि औरंगजेब प्रतिदिन हिंदुओं के सवा मन जनेऊ की होली फूंक कर ही भोजन करता था।

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