Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 09:48 AM
बाबा फरीद यूनिवर्सिटीआफ हैल्थ साइंसिज के प्रबंधकों की कथित गलत नीतियों के कारण जैसे-जैसे मैडीकल कालेज डाक्टर यहां से जा रहे हैं, उसी तरह इसका रिहायशी काम्पलैक्स खंडहर का रूप धारण कर रहा है। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी अंतर्गत चलते गुरुगोबिन्द सिंह मैडीकल...
फरीदकोट (हाली): बाबा फरीद यूनिवर्सिटीआफ हैल्थ साइंसिज के प्रबंधकों की कथित गलत नीतियों के कारण जैसे-जैसे मैडीकल कालेज डाक्टर यहां से जा रहे हैं, उसी तरह इसका रिहायशी काम्पलैक्स खंडहर का रूप धारण कर रहा है। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी अंतर्गत चलते गुरुगोबिन्द सिंह मैडीकल कालेज और अस्पताल के करीब 2 दर्जन सीनियर डाक्टरों की तरफ से मैडीकल कालेज में से सेवाएं छोडऩे के साथ इन डाक्टरों की रिहायश के लिए बना आलीशान रिहायश काम्पलैक्स भी खंडहर बन गया है।
जानकारी के अनुसार 2008 में बाबा फरीद यूनिवर्सिटीने गुरु गोबिन्द सिंह मैडीकल कालेज फरीदकोट की तरफ से डाक्टरों को आकर्षित करने के लिए पुराने रिहायशी काम्पलैक्स को 6 करोड़ रुपए की और लागत के साथ नया रूप दिया था और कुछ समय के लिए यहां सीनियर डाक्टरों ने अपनी सेवाएं देनी भी शुरू कर दी थीं परंतु 2014 के बाद 2 दर्जन के करीब डाक्टर इस मैडीकल कालेज में से अपनी सेवाएं छोड़ गए हैं, जिस कारण यूनिवर्सिटी के बिल्कुल सामने बने रिहायशी काम्पलैक्स की 2 दर्जन कोठियां भी वीरान पड़ी हैं।
सहायक प्रोफैसर और रैजीडैंट डाक्टरों के लिए बनी कोठियां खस्ता हाल
इस समय गुरु गोबिन्द सिंह मैडीकल कालेज और अस्पताल डाक्टरों की बड़ी कमी के साथ जूझ रहा है। सूत्रों के अनुसार यूनिवर्सिटी ने प्रोफैसरों और सहायक प्रोफैसरों की नियुक्ति के लिए इश्तिहार जारी किया हुआ है और अगले कुछ समय में खाली हुई पोस्टें फिर भरे जाने की संभावना है। वहीं प्रोफैसर, सहायक प्रोफै सर और रैजीडैंट डाक्टरों के लिए बनी कोठियां सुनसान और खस्ता हाल में पड़ी हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. राजीव जोशी ने कहा कि खाली पड़ी कोठियों की बाकायदा तौर पर देखभाल की जा रही है। ये कोठियां सिर्फ सीनियर डाक्टरों और प्रोफैसरों को ही दी जा सकती हैं और जल्द ही नए सीनियर डाक्टर मैडीकल कालेज के लिए भर्ती किए जा रहे हैं।