सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में हंगामा,परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाए गंभीर आरोप

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Sep, 2017 11:55 AM

ruckus in the civil hospital

जिला सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में सोमवार की सुबह उस समय हंगामा खड़ा हो गया, जब रविवार की अद्र्धरात्रि में जन्मे एक नवजात के परिजनों ने वार्ड में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ की लापरवाही के चलते माहौल तनावपूर्ण बन गया।

मोगा (संदीप): जिला सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में सोमवार की सुबह उस समय हंगामा खड़ा हो गया, जब रविवार की अद्र्धरात्रि में जन्मे एक नवजात के परिजनों ने वार्ड में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ की लापरवाही के चलते माहौल तनावपूर्ण बन गया। वहीं शिशु के परिजनों ने उनके साथ दुर्व्यवहार करने व शिशु की नानी के थप्पड़ तक जडऩे के आरोप लगाए। स्थिति बिगड़ते देखकर पहले स्टाफ की ओर से इस संबंधी सिक्योरिटी स्टाफ को सूचना देने के साथ ही एस.एम.ओ. डा. राजेश अत्री को दी गई परन्तु उनके हस्तक्षेप के बावजूद मामला न सुलझने व परिजनों के स्टाफ के विरुद्ध बढ़ते रोष को देखते हुए इसकी सूचना थाना सिटी पुलिस को देनी पड़ी।

रात्रि को ही बच्चे की बिगड़ी हालत 
नवजात की मां रेखा व उसकी नानी स्वर्ण कौर ने आरोप लगाए कि बच्चे का जन्म रात्रि 12 से 1 बजे के बीच हुआ था, जिसे उन्हें सौंप दिया गया था। कुछ देर बाद शिशु लगातार रोने लगा तो उन्होंने इसकी सूचना ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स को दी लेकिन उसने यह कहते हुए वापस भेज दिया कि जन्म के कुछ देर तक शिशु रोते ही हैं। कुछ देर बाद बच्चे के मुंह से खून आता देख वे एकदम घबरा गए और दोबारा स्टाफ के पास पहुंचे तो स्टाफ ने उन्हें नवजन्मे शिशुओं के लिए स्थापित किए एमरजैंसी वार्ड में ले जाने को कहा।

शिशु की नानी स्वर्ण कौर बच्चे को लेकर वहां पहुंची तो स्टाफ अंदर से दरवाजा लॉक करके सो रहा था, उसे बड़ी मुश्किल से खुलवाया। उलटा उन्हें ही बच्चे को गर्म चाय या दूध पिलाने की बात कही गई। स्टाफ नर्स कर्मजीत कौर ने उसे वहां से जाने की बात कहते हुए धक्का-मुक्की की और स्वर्ण कौर ने स्टाफ नर्स कर्मजीत कौर पर थप्पड़ मारने का आरोप लगाया।

फरीदकोट रैफर की बात कही तो बात बिगड़ी
जच्चा-बच्चा वार्ड में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ की ओर से बच्चे की हालत गंभीर होने के कारण उसे फरीदकोट के मैडीकल कालेज रैफर करने की बात कहने पर शिशु के परिजनों ने स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि रात्रि में शिशु की हालत संबंधी बार-बार स्टाफ को बताने के बावजूद इसे गंभीरता से न लेने के चलते शिशु की हालत बिगड़़ी है, जिसके लिए के लिए स्टाफ जिम्मेदार है। वहीं मौके पर पहुंची स्टाफ नर्स यूनियन की जिला प्रधान जगपाल कौर ने भी परिजनों को शांत करने का प्रयास किया व अगर स्टाफ की इसमें गलती है तो इस बारे में लिखित जानकारी देने के बारे में भी कहा।

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