रुबेला वैक्सीन से बच्ची की मौत से बठिंडा में हड़कंप

Edited By Anjna,Updated: 07 May, 2018 08:15 AM

rubella vaccine stirred in bathinda with the death of her baby

मीजल-रुबेला वैक्सीन को लेकर देश भर में पहले ही हल्ला मचा हुआ है, इसका प्रमाण बठिंडा में उस समय देखने को मिला जब शनिवार को एक स्कूल में लगाए गए इस इंजैक्शन ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया जिसमें एक 6 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई जबकि 12 व 15 साल की 2...

बठिंडा (विजय): मीजल-रुबेला वैक्सीन को लेकर देश भर में पहले ही हल्ला मचा हुआ है, इसका प्रमाण बठिंडा में उस समय देखने को मिला जब शनिवार को एक स्कूल में लगाए गए इस इंजैक्शन ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया जिसमें एक 6 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई जबकि 12 व 15 साल की 2 लड़कियों की हालत खराब हुई। 

डाक्टरों ने भी इसकी पुष्टि की कि इंजैक्शन लगाने के बाद ही बच्चियों की हालत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा लेकिन परिजनों ने सिविल अस्पताल के अधिकारियों के साथ कोई संपर्क नहीं किया। जब बच्चों की हालत नाजुक हुई तब उन्हें इसकी सूचना दी गई। इस मामले को लेकर एस.एम.ओ. बठिंडा ने पत्रकार सम्मेलन में माना कि इंजैक्शन लगाने के कुछ ही मिनट बाद ही इसके विपरीत प्रभाव की संभावना रहती है जिसके लिए डाक्टर आधा घंटा बच्चों की देखरेख करते हैं। बच्चों में घबराहट, सांस लेने की दिक्कत, खारिश होना, रक्तचाप का गिरना आदि सिमटम आते हैं जबकि 10 लाख के पीछे एक की मौत भी हो सकती है।

मिली जानकारी के अनुसार गांव जय सिंह वाला स्कूल में अभी भी आधा दर्जन बच्चे वैक्सीन के कारण उपचाराधीन हैं और ऐसा ही मामला रामपुरा में भी देखने को मिला जहां दर्जन भर बच्चों का वैक्सीन के बाद इलाज चल रहा है। बेशक यह टीकाकरण भविष्य के लिए बच्चों के स्वास्थ्य हेतु अति जरूरी है परन्तु इसमें कुछ खामियां हैं जिसे दूर नहीं किया गया जिसके कारण इसके प्रतिरोधक परिणाम सामने आए। बठिंडा के सरकारी लड़कियों के स्कूल में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीकाकरण टीम ने बच्चों को रुबेला इंजैक्शन की वैक्सीन लगाई और इससे पहले उन्होंने खानापूर्ति करते हुए सभी बच्चों के फार्म भरकर हस्ताक्षर करवाए। जैसे ही बच्चों को वैक्सीन दी गई इसी दौरान 2 लड़कियों की हालत बिगडऩे लगी, उन्हें उल्टियां तक आने लगीं जिन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

12 वर्षीय निरजिला की हालत ज्यादा खराब हो गई जिसे सांस लेने में दिक्कत आई जिसे रात 10.30 बजे फरीदकोट मैडीकल कालेज में रैफर कर दिया गया। उसके साथ सिविल अस्पताल बठिंडा का कोई भी कर्मचारी साथ में नहीं गया। एक ड्राइवर के सहारे बच्चे के माता-पिता उसके साथ गए। 10वीं कक्षा में पढऩे वाली गुरजीत की भी हालत बिगडऩे लगी जो अभी भी अस्पताल में उपचाराधीन है। गांव जय सिंह वाला के आदर्श स्कूल की 6 वर्षीय बच्ची गुरनूर को 4 मई को वैक्सीन लगाई और उसी दिन उसकी मौत हो गई, 5 मई को उसका अतिंम संस्कार भी कर दिया जबकि बच्ची के परिजनों ने पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया। डाक्टरों की टीम के सामने ही बच्ची का अंतिम संस्कार हुआ। 

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