Edited By Vatika,Updated: 11 Sep, 2018 09:27 AM
लाडोवाल टोल प्लाजा पर गत दिवस हुए हमले को लेकर चल रही जांच में कुछ नए खुलासे हुए हैं। पुलिस ने जब सी.सी.टी.वी. फुटेज देखी तो उसमें पता चला कि हमलावरों ने केवल तोडफ़ोड़ की थी और बूथों से कोई कैश नहीं चुराया था।
फिल्लौर(भाखड़ी): लाडोवाल टोल प्लाजा पर गत दिवस हुए हमले को लेकर चल रही जांच में कुछ नए खुलासे हुए हैं। पुलिस ने जब सी.सी.टी.वी. फुटेज देखी तो उसमें पता चला कि हमलावरों ने केवल तोडफ़ोड़ की थी और बूथों से कोई कैश नहीं चुराया था।
लाडोवाल थाना प्रभारी वरिंदरपाल सिंह जब पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि हमलावर 4 टोल बूथों को क्षतिग्रस्त कर एक कर्मचारी को घायल कर वहां से निकल चुके थे। जब उन्होंने रात्रि को सी.सी.टी.वी. कैमरे चैक किए तो पता चला कि अलग-अलग कारों में आए हमलावरों ने 4 टोल बूथों पर हमला कर केवल क्षतिग्रस्त किया था। न तो हमलावरों ने चेहरे ढके हुए थे और न ही वह घटना के वक्त टोल बूथ के अंदर दाखिल हो रहे थे, जबकि टोल बूथ से जान बचा कर भाग रहे 2 कर्मचारियों के हाथों में कैश पकड़ा हुआ था। आज जब टोल प्लाजा के मैनेजर चंचल सिंह से बात करनी चाही तो वह मीडिया के सवालों का जवाब देने से बचते रहे। थाना प्रभारी वरिंदरपाल सिंह ने कहा कि वह जल्द ही हमलावरों को गिरफतार कर पूरी घटना से पर्दा उठाएंगे।
टोल प्लाजा तोडऩे के हो सकते हैं 3 कारण
-प्लाजा कर्मचारियों का लोगों से रुपए वसूलते वक्त व्यवहार ठीक नहीं होता।
-प्लाजा पर आए दिन लोग जाम में फंसे रहते है। जब लोग प्लाजा कर्मचारियों को कोर्ट का हवाला देकर पर्ची कटवाने से मना करते हैं तो प्लाजा कर्मचारी लोगों से दुव्र्यवहार करते है।
-तीसरा सबसे बड़ा कारण यह पता चला है कि वहां से गुजरने वाले मल्टी एक्सल वाहनों से 600 रुपए से ज्यादा और ट्रकों से 400 से ज्यादा टोल वसूला जाता है। ऊपर से वाहन चालकों से ओवर लोडिंग का बोल कर अलग से इतने ही रुपए और वसूले जाते है जिस कारण आए दिन वहां ओवर लोङ्क्षडग वसूली को लेकर ट्रक ड्राइवरों और प्लाजा अधिकारियों में झगड़े होते हैं।