Edited By Mohit,Updated: 21 Dec, 2020 09:53 PM
फैक्टरी में काम करने वाले 2 युवक किसी काम से बाइक पर निकले। कुछ ही दूर चौक के निकट एक.........
लुधियाना (राज): फैक्टरी में काम करने वाले 2 युवक किसी काम से बाइक पर निकले। कुछ ही दूर चौक के निकट एक ओवरस्पीड ट्राले ने उनके बाइक को टक्कर मार दी। दोनों युवक सिर के बल सड़क पर गिर गए। एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दूसरे युवक ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। हादसे के बाद चालक ट्राला लेकर मौके से फरार हो गया। मगर राहगिरों ने ट्राले का नंबर नोट कर लिया। सूचना के बाद मौके पर थाना फोकल प्वाइंट के अंर्तगत चौकी जीवन नगर की पुलिस पहुंची। लोगों ने ट्राले का नंबर पुलिस को दे दिया। मृतकों की पहचान जमालपुर के रहने वाले अंकुश भारती (27) और डाबा इलाके के नवजोत सिंह (19) के रूप में हुई है। वहीं, पुलिस ने अज्ञात ट्राला चालक के खिलाफ केस दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक फेस-6 में कुमार एक्सपोर्ट नाम से फर्म है। जमालपुर का अंकुश और डाबे का नवजोत सिंह दोनों ही कुमार एक्सपोर्ट में बतौर ऑपरेटर काम करते थे। दोनों की नाइट ड्यूटी चल रही थी। रविवार की रात दोनों 8 बजे काम पर पहुंच गए थे। मगर रात करीब 9 बजे फैक्टरी का कोई काम था। इसलिए अंकुश अपने बाइक पर नवजोत को लेकर उक्त काम के लिए निकले थे। कुछ ही देर बाद जब वह गणपति चौक के पास पहुंचे, तो एक तरफ से आ रहे ओवरस्पीड ट्राले ने उन्हे अपना ग्रास बना लिया। ट्राले ने दोनों को कुचल डाला। हादसा देखकर राहगीर रूक गए। उनके रूकने से पहले चालक ट्राला लेकर फरार हो गया था। मगर एक राहगिर ने ट्राले का रजिस्ट्रेशन नंबर नोट कर लिया था। लोगों ने तुरंत पुलिस और एम्बुलैंस को कॉल की। उन्होंने देखा कि हादसे में नवजोत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी, मगर अंकुश के सांस चल रहे थे। कुछ ही देर में पुलिस और एम्बुलैंस मौके पर पहुंच गई। अंकुश को इलाज के लिए सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। मगर अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हिमाचल प्रदेश का अंकुश, भाइयों के साथ कमाने के लिए आया था लुधियाना
अंकित कुमार ने बताया कि वह मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। उसका भाई अंकुश और मासी का लड़का रिंकू, वह तीनों काम काम के लिए लुधियाना आए थे। अंकित का कहना है कि वह खुद आरती स्टील में ऑप्रेटर है। जबकि अंकुश कुमार एक्सपोर्ट में था। वह तीनों जमालपुर स्थित रसीला नगर में किराए के कमरे में रहते थे। अंकित का कहना था कि अंकुश के सपने बहुत बड़े थे। मगर अब सब कुछ खत्म हो गया।
दो बहनों को अकेला भाई था नवजोत सिंह
नवजोत सिंह अपनी दो छोटी बहनों को अकेला भाई थी। छोटी उर्म में ही नवजोत ने पढ़ाई छोड़कर काम शुरू कर दिया था ताकि अपने माता-पिता का सहारा बन सके। नवजोत का पिता जगतार सिंह भी कंपनी में ही काम करता था। जगतार सिंह ने रो-रोकर बाताया कि उसका एक ही बेटा था, जोकि उसके बुढ़ापे का सहारा था, वो भी छीन गया।