Edited By Vatika,Updated: 10 Sep, 2018 05:05 PM
जालंधर की बदनसीब प्रवीण रानी लगभग 9 महीने तक संयुक्त अरब अमीरात व मस्कट में भारी अत्याचार सहने के बाद समाज सेवक डॉ.ए.पी. सिंह ओबराए के अथक प्रयासों के बाद अाज अपने परिवार से आ मिली।
अमृतसर(इंद्रजीत): जालंधर की बदनसीब प्रवीण रानी लगभग 9 महीने तक संयुक्त अरब अमीरात व मस्कट में भारी अत्याचार सहने के बाद समाज सेवक डॉ.ए.पी. सिंह ओबराए के अथक प्रयासों के बाद अाज अपने परिवार से आ मिली।
बताया जाता है कि धोखेबाज ट्रेवल एजेंटों की शिकार हुर्इ 26 वर्षीय प्रवीण को खाड़ी के देश संयुक्त अरब अमीरात भेजा गया और वहां अवैध रूप से मस्कट के एक शेख को बेच दिया गया। जालंधर जिला के गांव महिमूवाल यूसफपुर के निवासी जोगिंद्र सिंह की बेटी प्रवीण ने बताया कि वहां वह एक कैदी की जिंदगी व्यतीत करती रही। गुरु रामदास अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट हवार्इ अड्डे पर पहुंची प्रवीन ने कहा कि सरबत का भला ट्रस्ट के प्रमुख ओबराय ने उसे भारत लाने में काफी योगदान दिया है। हवार्इ अड्डे परसरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के माझा जोन के प्रधान सुखजिंद्र सिंह और उप प्रधान मनप्रीत सिंह संधू और उसके मां-बाप ने उसका स्वागत किया।
ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रवीण को मस्कट के शेख से मुक्त कराने के लिए मोटी रकम दी गर्इ। वहीं उनके पी.आर.ओ. मंदीप सिंह कोहली ने भी इस मामले में अहम भूमिका निभार्इ। प्रवीन ने ओबराए का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनकी बदौलत ही वह नरक से निकल सकी। वहां मुझसे सुबह से लेकर देर रात तक बंधुओं मजदूरों की तरह काम कराया जाता था और अमानवीय अत्याचार किए गए। परवीन ने पंजाब के लोगों से कहा कि वे धोखेबाज ट्रेवल एजैंटों से बचे और खाड़ी देशों में जाने से पहले वहां की स्थिति को अच्छी तरह ज्ञान प्राप्त करें। प्रवीन के माता-पिता ने डॉक्टर ओबराए का धन्यवाद किया, जिन्होंने उनकी बेटी को नरक से निकालकर एक नर्इ जिंदगी दी है।