Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 11:15 AM
अटारी बॉर्डर स्थित ज्वाइंट चैक पोस्ट पर रिट्रीट सैरेमनी के दौरान देशभक्ति की गंगा बह रही है। हर रोज हजारों की संख्या में बी.एस.एफ. व पाकिस्तान के बीच होने वाली परेड को देखने आने वाले टूरिस्ट चाहे किसी भी धर्म या जाति से संबंध रखते हों यहां आकर...
अमृतसर(नीरज): अटारी बॉर्डर स्थित ज्वाइंट चैक पोस्ट पर रिट्रीट सैरेमनी के दौरान देशभक्ति की गंगा बह रही है। हर रोज हजारों की संख्या में बी.एस.एफ. व पाकिस्तान के बीच होने वाली परेड को देखने आने वाले टूरिस्ट चाहे किसी भी धर्म या जाति से संबंध रखते हों यहां आकर हिन्दुस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाए बिना नहीं रह सकते।
भारत के आम नागरिकों में आज भी अपने देश के प्रति कितना सम्मान है, वह बी.एस.एफ. की परेड के दौरान देखा जा सकता है। हर रोज देश के कोने-कोने से पर्यटक रिट्रीट सैरेमनी की परेड देखने के लिए आते हैं और देशभक्ति की भावनाओं से ओतप्रोत होकर वापस जाते हैं। कोई अपने गाल पर तिरंगा चिपकाए रहता है तो कोई तिरंगा पकड़ कर परेड स्थल के चक्कर लगाता है।
बी.एस.एफ. द्वारा भी माइक पर हिन्दुस्तान जिन्दाबाद व वंदे मातरम् के नारे लगाकर पर्यटकों का उत्साह बढ़ाया जाता है, ऊपर से देशभक्ति के रंग में रंगी बिग-बी अमिताब बच्चन की आवाज पर्यटकों की हौसलाअफजाई करती है। गुरु की नगरी श्री अमृतसर साहिब श्री हरिमंदिर साहिब के दर्शन करने आने वाले ज्यादातर देश-विदेश से आने वाले टूरिस्ट अटारी बॉर्डर की परेड देखने के लिए जरूर जाते हैं। गणतंत्र दिवस के मद्देनजर बी.एस.एफ. द्वारा कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं और जवानों में परेड करते समय एक अलग ही उत्साह नजर आ रहा है।
1959 से चल रही है रिट्रीट सैरेमनी
अटारी बॉर्डर पर बी.एस.एफ. व पाकिस्तान रेंजर्स के बीच होने वाली रिट्रीट सैरेमनी परेड 1959 से चल रही है लेकिन 1965 व 1971 की जंग के दौरान इसको बंद कर दिया गया। कारगिल की जंग के दौरान भी परेड बंद हुई है इसके अलावा जब भी भारत व पाकिस्तान की सेनाओं के बीच तनाव बढ़ा है तब-तब रिट्रीट सैरेमनी परेड को बंद कर दिया जाता है। रुटीन में झंडा उतारने की रस्म पूरी की जाती है।
परेड में शामिल किए जाते हैं चुनिंदा जवान
वैसे तो सीमा पर पहरा देने वाले बी.एस.एफ. के सभी जवान एक से बढ़कर एक हैं लेकिन अटारी बॉर्डर पर होने वाली रिट्रीट सैरेमनी परेड में चुङ्क्षनदा जवानों को ही शामिल किया जाता है। 6 फुट से ज्यादा लंबा कद व चौड़ी छाती के अलावा रौबदार बाहुबली जवान ही परेड में शामिल किए जाते हैं। इसके लिए बकायदा कई महीनों तक जवानों को परेड की ट्रेङ्क्षनग के अलावा शारीरिक कसरत व विशेष खुराक दी जाती है, योग का भी कोर्स करवाया जाता है ताकि हजारों टूरिस्टों के सामने परेड करते समय जवानों का जोश व होश संतुलित रहे। परेड में शामिल कुछ जवानों के साथ ‘पंजाब केसरी’ की तरफ से बातचीत की गई तो उनके बुलंद हौसले देखते ही बनते थे।
पाक रेंजर्स की इशारेबाजी का देते हैं मुंहतोड़ जवाब
अटारी बॉर्डर पर होने वाली रिट्रीट सैरेमनी परेड के दौरान पाकिस्तान रेंजर्स की तरफ से कभी बांहे ऊपर उठाकर तो कभी अंगूठा उल्टा करके धमकी भरे लिहाज में इशारेबाजी की जाती है लेकिन बी.एस.एफ. के जवान भी पाकिस्तान का उसी की भाषा में जवाब देते हैं। पगड़ी ठीक करने के बहाने पाकिस्तान रेंजर्स को उसी की भाषा में जवाब दे दिया जाता है।
भारतीय टूरिस्ट गैलरी के सामने बौनी लगती है पाकिस्तानी गैलरी
अटारी बॉर्डर स्थित रिट्रीट सैरेमनी स्थल पर केन्द्र सरकार की तरफ से दर्शकों की सुविधा के लिए बनाई गई टूरिस्ट गैलरी में 25 हजार से ज्यादा दर्शकों के बैठाने की क्षमता है। अभी भी इसका निर्माण कार्य चल रहा है और 2-3 महीनों में यह पूरा हो जाएगा। इससे पहले यह गैलरी काफी छोटी होती थी जिसमें मुश्किल से 5 से 6 हजार टूरिस्ट ही बैठ सकते थे लेकिन पिछले 3-4 वर्षों के दौरान इसे इतना बड़ा कर दिया गया है कि पाकिस्तानी खेमे की टूरिस्ट गैलरी इसके सामने बौनी नजर आती है। पाकिस्तानी टूरिस्ट गैलरी में परेड देखने के लिए 30 रुपए टिकट भी लगाई गई है लेकिन भारतीय गैलरी में ऐसा कुछ नहीं है।
विदेशी पर्यटक भी लगाते हैं हिन्दुस्तान जिन्दाबाद के नारे
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली, मुम्बई व तमिलनाडु के अलावा देश के अलग-अलग कोनों से परेड देखने आने वालों के अलावा विदेशी पर्यटक भी देशभक्ति का माहौल देखकर हिन्दुस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाए बिना नहीं रह पाते हैं और देशभक्ति के गानों पर गिद्दा व भंगड़ा डालते नजर आते हैं।