अध्यापकों की नई तबादला नीति पर रोक, सरकारी स्कूलों की जाएगी अौचक चैकिंग: सोनी

Edited By swetha,Updated: 06 May, 2018 09:34 AM

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पंजाब के शिक्षा व पर्यावरण मंत्री ओ.पी. सोनी ने कहा कि पंजाब कैबिनेट द्वारा पिछले दिनों अध्यापकों की बनाई गई नई तबादला नीति पर फिलहाल रोक लगा दी गई, क्योंकि कई अध्यापक संगठनों को तबादला नीति के कुछ पहलुओं पर ऐतराज था, इसलिए अध्यापकों से चर्चा करने...

जालन्धर (धवन): पंजाब के शिक्षा व पर्यावरण मंत्री ओ.पी. सोनी ने कहा कि पंजाब कैबिनेट द्वारा पिछले दिनों अध्यापकों की बनाई गई नई तबादला नीति पर फिलहाल रोक लगा दी गई, क्योंकि कई अध्यापक संगठनों को तबादला नीति के कुछ पहलुओं पर ऐतराज था, इसलिए अध्यापकों से चर्चा करने के बाद तबादला नीति को जल्द अंतिम रूप दे दिया जाएगा। 

मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह अध्यापक संगठनों के साथ एक बैठक कर चुके हैं। दूसरी बैठक वह स्वयं 9 मई को करेंगे। यहां विशेष बातचीत करते हुए नए शिक्षा मंत्री सोनी ने कहा कि कम्प्यूटर अध्यापकों के मसलों को हल करने की तरफ भी सरकार ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने का वायदा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा किया गया है। इसे देखते हुए शिक्षा व स्वास्थ्य दोनों विभागों के मंत्रियों द्वारा कड़ी मेहनत किए जाने की जरूरत है।

एक प्रश्र के उत्तर में उन्होंने कहा कि एक माह बाद वह स्वयं सरकारी स्कूलों की अचानक चैकिंग करेंगे ताकि स्कूलों में अध्यापकों की गैर-हाजिरी को कम किया जा सके। गैर-हाजिर पकड़े जाने वाले अध्यापकों को पहली बार सरकार द्वारा चेतावनी दी जाएगी जबकि दोबारा पकड़े जाने पर उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। अध्यापकों के कंधों पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि उन्होंने बच्चों को शिक्षित करना है। पंजाब के बच्चों को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाने की जरूरत है।

 

शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह के कदमों पर आगे बढ़ते हुए निर्णय लिया है कि सरकारी स्कूलों में अंतिम पीरियड को खेलों का बना दिया जाए ताकि बच्चे शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी अपना जौहर दिखा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य में गुणवत्तायुक्त शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाएगा। अध्यापक संगठनों की मांगों पर बोलते हुए सोनी ने कहा कि सबसे पहले वह सभी यूनियनों से बातचीत करके उनके धरनों को खत्म करवा रहे हैं तथा दूसरे चरण में अध्यापकों की जायज मांगों को स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों की हालत को सुधारने की जरूरत है।

 

कई स्कूलों में अध्यापकों की कमी है तो कई स्कूलों में पर्याप्त फर्नीचर उपलब्ध नहीं है। सरकार इन कमियों को दूर करेगी, क्योंकि पिछले 10 वर्षों को दौरान स्कूलों की हालत को सुधारने के लिए पूर्व शिअद भाजपा गठबंधन सरकार द्वार कदम नहीं उठाए गए।  शिक्षा मंत्री ने कहा कि अंग्रेजी भाषा को पहले ही मुख्यमंत्री ने पहली कक्षा से लागू करवा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा स्तर ऊंचा होने पर ही लोग अपने बच्चों को इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए आगे लेकर आएंगे। वह स्वयं सरकारी स्कूल में पढ़े हैं परन्तु अब सरकारी स्कूलों में कई कमियां हैं जिन्हें दूर किया जाएगा।  शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। 

 

प्राइवेट स्कूल शिक्षा का व्यापारीकरण न करें

शिक्षा मंत्री सोनी ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों को शिक्षा का व्यापारीकरण नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों को भी पंजाब सरकार का सहयोग करना चाहिए ताकि शिक्षा को गुणवत्तायुक्त बनाया जा सके। बच्चों के अभिभावकों से प्राइवेट स्कूलों को लेकर भी शिकायतें मिली हैं जिन पर सरकार  गौर करेगी। वह जल्द ही प्राइवेट स्कूलों के संचालकों से भी मुलाकात करेंगे। 

 नाड़ जलाने के केसों में 30 प्रतिशत की गिरावट
पर्यावरण की चर्चा करते हुए सोनी ने कहा कि इस बार प्रदूषण में कमी आई तथा नाड़ जलाने के केसों में 30 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। भविष्य में किसान और सहयोग देंगे तथा नाड़ को जलाने से गुरेज करेंगे।  उन्होंने कहा कि पंजाब के प्रमुख शहरों जालन्धर, लुधियाना, अमृतसर व पटियाला में प्रदूषण से निपटने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे। 

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