सिद्धू को राहत मिलने से पंजाब में राजसी समीकरण बदलने के आसार

Edited By Sonia Goswami,Updated: 16 May, 2018 11:55 AM

relief of sidhu to change majestic equations in punjab

पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने से सूबे में राजसी समीकरण बदलने के आसार हैं।

चंडीगढ़ः पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने से सूबे में राजसी समीकरण बदलने के आसार हैं। अदालती फैसले के साथ विरोधी पार्टी भाजपा और शिरोमणि अकाली दल खास कर कि बादल परिवार को ही झटका नहीं लगा, बल्कि कांग्रेस के एक धड़े को भी निराशा हुई है। कांग्रेसी हलकों का यहां तक कहना है कि सिद्धू को मिली राहत कैप्टन अमरेंद्र सिंह की नींद भी हराम कर सकती है।


1988 रोडरेज केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में शुरू होने के बाद से राजसी हलकों में प्रभाव पाया जा रहा था कि विरोधी पार्टियों के नेताओं और कांग्रेस के एक पक्ष की तरफ से नवजोत सिंह सिद्धू के राजसी भविष्य को हिलाने के लिए हर प्रयास इस्तेमाल किया जा रहा है। विरोधियों और अपनों की चालों को पंजाब सरकार के वकील की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दी गई दलीलों ने कुछ हद तक कामयाब भी कर दिया था। राजसी और सरकारी हलकों में यह प्रभाव जाने लगा था कि विरोधी राजनीतिज्ञों और अपनों (कांग्रेसियों) के एक -धोखा देने की नीयत से गुप्त ढंग से नाम बदल  जाने के कारण नवजोत सिंह सिद्धू अलग -थलग महसूस कर रहे थे, हालांकि सिद्धू को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का सीधा आशीर्वाद माना जाता है।

पंजाब मंत्रीमंडल में विस्तार के बाद बड़ी संख्या में विधायक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ नाराज हो गए थे जिसके बाद दलित और पिछड़ें जातियों के साथ सम्बन्धित विधायकों ने राहुल गांधी तक भी अपनी, शिकायतें पहुंचाई । इस स्थिति में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने से सिद्धू पंजाब कांग्रेस में ‘सत्ता का केंद्र ’ बन सकते हैं, क्योंकि स्थानीय निकाय होने कारण उनका अक्स भी साफ माना जाता है। 


पंजाब में सत्ता तबदीली के बाद बादल परिवार और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह दरमियान चाहे कोई टकराव पैदा नहीं हुआ, परन्तु नवजोत सिद्धू , सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया दरमियान सीधा टकराव बना रहा है। इस केस को लेकर अकाली दल ने सिद्धू खिलाफ  मुहिम चलाई हुई थी।  सिद्धू ने भी एस.टी.एफ. की रिपोर्ट बहाने बिक्रम सिंह मजीठिया को दुखी करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सिद्धू को राहत मिलने के बाद बादल परिवार और सिद्धू दरमियान टकराव बढ़ने के भी आसार हैं।  सिद्धू जनवरी 2017 में विधानसभा चुनाव से बिल्कुल पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए थे।

 

उसके बाद पार्टी के लिए प्रचार भी किया और कैप्टन सिंह के मंत्रालय में मंत्री भी बने। मुख्यमंत्री के साथ कई मुद्दों पर मत भेद भी सामने आए। यहां तक कि हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव दौरान कांग्रेस पार्टी के लिए प्रचार न करने कारण  विरोधियों के निशाने पर भी रहे। यह माना जा रहा था कि सुप्रीम कोर्ट में मामला सुनवाई अधीन होने के कारण नवजोत सिद्धू राजसी तौर पर बड़े फैसले नहीं ले रहे थे।

 

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