Edited By Ravneet kaur,Updated: 04 Sep, 2018 10:41 AM
लुधियाना के प्रीतमपुरा मॉडल टाऊन निवासी सतनाम सिंह, जो स्थानीय शिअद नेता, उसके साथियों के आतंक और पुलिस की नाकामी से परेशान और झूठे मामलों में फंसाए जाने के डर से अढ़ाई माह से ट्राईसिटी के विभिन्न गुरुद्वारों में शरण लिए बैठा था, आखिर अपने घर...
चंडीगढ़(शर्मा): लुधियाना के प्रीतमपुरा मॉडल टाऊन निवासी सतनाम सिंह, जो स्थानीय शिअद नेता, उसके साथियों के आतंक और पुलिस की नाकामी से परेशान और झूठे मामलों में फंसाए जाने के डर से अढ़ाई माह से ट्राईसिटी के विभिन्न गुरुद्वारों में शरण लिए बैठा था, आखिर अपने घर लुधियाना लौट गया।
राज्य मानवाधिकार आयोग को की शिकायत में सतनाम ने आरोप लगाया था कि उसने मकान खरीदने के लिए एक करार किया था। उसकी रजिस्ट्री करवाने से पहले ही स्थानीय शिअद नेता व उसके साथियों ने मकान मालकिन के साथ मिलकर उसके खिलाफ साजिश रची और 2 बार हथियारों से लैस होकर उसे धमकाया। पुलिस को दोनों बार शिकायत की और सी.सी.टी.वी. फुटेज सहित दस्तावेजी सबूत भी पेश किए लेकिन पुलिस अधिकारियों ने भी राजनीतिक दबाव के चलते कोई कार्रवाई नहीं की। मकान में कब्जे को लेकर कोर्ट ने स्टेटस को (यथास्थिति बरकरार रखने) के आदेश जारी किए थे लेकिन मकान मालकिन ने उक्त शिअद पार्षद के साथ मिलकर ग्राऊंड फ्लोर निगम में ही कार्यरत दम्पति को किराए पर दे दिया जिसने उसके व पारिवारिक सदस्यों के विरुद्ध पुलिस में झूठी शिकायत दर्ज करवा दी।
आयोग के चेयरमैन जस्टिस इकबाल अहमद अंसारी की बैंच ने मामले को गंभीरता से लेते हुए गत 30 अगस्त को डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा को भी तलब किया व सतनाम की शिकायत में पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध लगाए आरोपों व अरोड़ा का पक्ष सुनने के बाद आदेश में जांच पुलिस कमिश्नर लुधियाना से लेकर डायरैक्टर ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टीगेशन को तुरंत सौंपने व सतनाम और उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के आदेश दिए।