चुनावी शोरगुल में फिलहाल गुम है रैफरैंडम 2020 का मुद्दा

Edited By Vatika,Updated: 08 May, 2019 12:49 PM

referendum 2020

पूरा देश इस वक्त जहां सबसे बड़े लोकतांत्रिक पर्व में डूबा हुआ है, वहीं दूसरी ओर विदेशों में रह रहे खालिस्तानी समर्थक रैफरैंडम 2020 की तैयारी में जुटे हुए हैं। चुनाव समाप्त होने के बाद यह पंजाब के लिए ही नहीं अपितु पूरे देश की शांति और सुरक्षा के लिए...

जालंधर(सूरज ठाकुर): पूरा देश इस वक्त जहां सबसे बड़े लोकतांत्रिक पर्व में डूबा हुआ है, वहीं दूसरी ओर विदेशों में रह रहे खालिस्तानी समर्थक रैफरैंडम 2020 की तैयारी में जुटे हुए हैं। चुनाव समाप्त होने के बाद यह पंजाब के लिए ही नहीं अपितु पूरे देश की शांति और सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है वह भी ऐसी स्थिति में जब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह कनाडा सरकार पर खालिस्तानी कट्टरपंथियों की मदद करने की आशंका जाहिर कर रहे हों। हाल ही में चुनावी माहौल के बीच कैप्टन ने केंद्र सरकार से देश की शांति और सुरक्षा के लिए पैदा होने वाले इस गंभीर खतरे को दूर करने के लिए वैश्विक समुदाय को भारत के साथ जोडऩे की मांग की थी। मसला बहुत ही ज्यादा गंभीर होता नजर आ रहा है, नहीं तो चुनाव में पूरी तरह से व्यस्त होने के बाद केंद्र सरकार को सूचना देने की आवश्यकता न पड़ती। 

ऐसे हुई रैफरैंडम 2020 की शुरूआत 
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पुलिस विभिन्न हिस्सों में आतंकियों से जुड़े 20 मॉड्यूल्स को बेनकाब कर चुकी है। इनसे हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए हैं। आपको बता दें कि पंजाब को लेकर 13 जून, 2014 को न्यूयार्क स्थित खालिस्तान समर्थित सिख फॉर जस्टिस ने रैफरैंडम 2020 मुहिम के समर्थन में पहली रैली की थी। उसके बाद 6 जून, 2015 को ऑप्रेशन ब्लू स्टार की बरसी पर पहली बार प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर में देश विरोधी गुट ने खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए।

आतंकियों की सूची कनाडा को सौंप चुके हैं मुख्यमंत्री  
रैफरैंडम 2020 अभियान की अगुवाई करने के लिए नियुक्त वांछित खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के संबंध में मीडिया की रिपोर्ट पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री अमरेंद्र ने कहा था कि कनाडा सिख कट्टरपंथियों की लगातार मदद कर रहा है जो अच्छी बात नहीं है। गौरतलब है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के फरवरी 2018 में भारत आने पर अमृतसर में हुई मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने उनको वांछित आतंकियों की जो सूची सौंपी थी उसमें हरदीप सिंह निज्जर का भी नाम है।

कॉरीडोर को मकसद का पुल बताते हैं खालिस्तानी समर्थक
सिख फॉर जस्टिस ने करतारपुर कॉरीडोर के निर्माण को खालिस्तान के लिए पुल बताया है। यही नहीं करतारपुर में कॉरीडोर उद्घाटन समारोह में खालिस्तान जनमत के साथ गोपाल चावला की तरफ से बधाई से संबंधित पोस्टर भी लगे थे। कुख्यात खालिस्तान समर्थक चावला को हाफिज सईद और आई.एस.आई. का करीबी माना जाता है। यही वजह है कि श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के अवसर पर पाकिस्तान करतारपुर साहिब सम्मेलन-2019 आयोजित करने की योजना बना चुका है। इस पर गहन चिंतन करने की आवश्यकता है, नहीं तो पंजाब बुरी तरह से आतंक की गिरफ्त में आ सकता है।

ये भी हैं मामले
अगस्त, 2018 को सिख फॉर जस्टिस ने लंदन के ट्रैफलगर स्क्वायर में रैफरैंडम 2020 को कामयाब बनाने के लिए रैली की। 15 सितम्बर, 2018 को पंजाब के जालंधर जिले के मकसूदां थाने में 4 धमाके हुए थे। 10 अक्तूबर, 2018 को पंजाब पुलिस व जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑप्रेशन में जालंधर के एक इंजीनियरिंग कालेज से 3 कश्मीरी छात्र गिरफ्तार हुए जिनके पास से ए.के. 56 और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए थे।

पंजाब में वारदातें और पोस्टर
27 जुलाई, 2015 को आतंकियों ने गुरदासपुर में एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया जिसमें गुरदासपुर के एस.पी. सहित 7 लोगों की मौत हो गई। 2 जनवरी, 2016 को आतंकवादियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया जिसमें 7 जवान शहीद हो गए और 6 आतंकी मारे गए। 2016 से पंजाब के मोहाली, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, बरनाला, गुरदासपुर, पटियाला, मोगा, अमृतसर, होशियारपुर व तरनतारन में खालिस्तान तथा रैफरैंडम 2020 के समर्थन में पोस्टर लगाने के कई मामले सामने आए हैं। 

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