Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 09:25 AM
पिछले 10 वर्ष के दौरान शिअद-भाजपा सरकार के कार्यकाल में दर्ज किए गए झूठे पुलिस केसों की जांच करने के लिए कै. अमरेंद्र सिंह की सरकार द्वारा गठित जस्टिस महताब सिंह कमीशन ने अपनी तीसरी अंतरिम रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
चंडीगढ़(रमनजीत): पिछले 10 वर्ष के दौरान शिअद-भाजपा सरकार के कार्यकाल में दर्ज किए गए झूठे पुलिस केसों की जांच करने के लिए कै. अमरेंद्र सिंह की सरकार द्वारा गठित जस्टिस महताब सिंह कमीशन ने अपनी तीसरी अंतरिम रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इस अंतरिम रिपोर्ट में जहां डेरा बाबा नानक थाने में दर्ज एक झूठे केस के संबंध में तत्कालीन एस.एच.ओ. पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है, वहीं इसी मामले में पूर्व अकाली मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह के खिलाफ भी नया केस दर्ज करने को कहा गया है।
वहीं आम आदमी पार्टी से गठबंधन करके विपक्ष में शुमार लोक इंसाफ पार्टी के प्रधान सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ लुधियाना में दर्ज एक मामले को राजनीतिक द्वेष का मामला मानते हुए उसे रद्द करने की सिफारिश की गई है।
डेरा बाबा नानक पुलिस थाने में 29 अक्तूबर 2015 को दर्ज हुए एन.डी.पी.एस. एक्ट मामले को राजनीतिक द्वेष के तहत दर्ज मामला करार देते हुए बटाला जिले से संबंधित एक पुराने कांग्रेस नेता तरसेम राज ने कमीशन के पास शिकायत दी थी। सुनवाई के दौरान तरसेम राज व अन्य गवाहों ने कमीशन को बताया कि पूर्व अकाली मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह ने अपनी राजसी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए उन्हें जबरन कांग्रेस का साथ छोड़कर शिरोमणि अकाली दल में शामिल करने का प्रयास किया। तरसेम राज ने कहा कि सफलता न मिलती देख लंगाह ने पुलिस के जरिए उनके बेटे संदीप कुमार को उनके ट्रांसपोर्ट दफ्तर से जबरदस्ती उठवा लिया और बाद में उसके खिलाफ एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत नशा तस्करी का केस बना दिया।
तरसेम राज ने अपने कार्यालय में लगे सी.सी.टी.वी. कैमरों की फुटेज भी सबूत के तौर पर पेश की, जिसमें साफ तौर पर कुछ बिना वर्दी पुलिस मुलाजिम संदीप को बिना किसी बरामदगी के जबरदस्ती उठाकर ले गए थे।
गवाहों के बयानों को पुख्ता मानते हुए जस्टिस महताब कमीशन ने राजनीति के लिए पुलिस का इस्तेमाल करने के लिए साजिशकत्र्ता के तौर पर पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा है। भटिंडा के पुलिस स्टेशन मौड़ में अध्यापक नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले को भी जस्टिस महताब सिंह कमीशन ने रद्द करने की सिफारिश की है।