Edited By swetha,Updated: 25 Mar, 2019 08:59 AM
अपनी रिवायत को कायम करते हुए एक बार फिर आम आदमी पार्टी हाईकमान ने जालंधर की जिला इकाई को दरकिनार करके फरीदकोट के जस्टिस जोरा सिंह को जालंधर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है।
जालंधर(बुलंद): अपनी रिवायत को कायम करते हुए एक बार फिर आम आदमी पार्टी हाईकमान ने जालंधर की जिला इकाई को दरकिनार करके फरीदकोट के जस्टिस जोरा सिंह को जालंधर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है। पार्टी के इस फैसले का जमीनी स्तर के वालंटियरों से लेकर पार्टी के जिला प्रधान तक विरोध करते दिखाई दे रहे हैं।
अकालियों के करीबी माने जाते थे जस्टिस जोरा सिंह
जस्टिस जोरा सिंह के बारे में बात करें तो किसी समय वह शिरोमणि अकाली दल के बेहद करीबी लोगों में से जाने जाते थे। अकाली दल की सरकार के समय कोटकपूरा और बरगाड़ी में हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के बेअदबी कांड की जांच के लिए उन्हें नियुक्त किया गया था। जोरा सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट में अकाली दल व सीनियर पुलिस अधिकारियों को क्लीन चिट दी थी। रिटायरमैंट के बाद गत माह जस्टिस जोरा सिंह ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कन्वीनर अरविंद केजरीवाल के समक्ष ‘आप’ का हाथ थामा था। तभी से यह अनुमान लगाया जा रहा था कि केजरीवाल द्वारा उन्हें लोकसभा चुनावों में किसी बड़ी सीट से उतारा जा सकता है। जिस प्रकार हाईकमान ने उन्हें जालंधर सीट से मैदान में उतारा है वह बेहद हैरानीजनक है।
आप में बगावत तेज
पार्टी सूत्रों की मानें तो रविवार देर शाम जस्टिस जोरा सिंह का नाम पार्टी की ओर से जालंधर लोकसभा सीट के उम्मीदवार के तौर पर सामने लाया गया। दोपहर के समय एक फोन करके जिला इकाई के प्रधान डा. शिवदयाल माली को इसकी सूचना दे दी गई थी कि जोरा सिंह को जालंधर से उतारा जा रहा है। पार्टी हाईकमान ने न तो इस संबंधी जालंधर की लोकल लीडरशिप से इस बारे कोई राय ली और न ही वर्करों को ही विश्वास में लिया। इससे जोरा सिंह के नाम का ऐलान होते ही ‘आप’ में बगावत तेज हो गई है। मामले बारे पार्टी के जिला प्रधान डा. शिवदयाल माली से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी मुख्यालय से फोन आया था। इसमें उन्हें बताया गया कि जालंधर सीट से जस्टिस जोरा सिंह मान को उतारने का फैसला किया गया है। इस बारे में किसी को कोई एतराज तो नहीं तो डॉक्टर माली ने इस बारे अपना एतराज दायर किया। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के फैसले का लेकर विरोध तो नहीं करते पर इससे बेहद निराश जरूर हैं।
कईयों ने इस्तीफा देने का किया ऐलान
जब से जालंधर सीट के लिए जस्टिस जोरा सिंह का नाम सामने आया है तभी से पार्टी वर्करों के फोन उन्हें आ रहे हैं। कईयों ने तो इस्तीफा तक देने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकारी इकाइयों से बैठक के बाद वह पार्टी हाईकमान के समक्ष अपना विरोध रखेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी का जो भी आखिरी फैसला होगा उसके बाद ही वह कुछ कहेंगे। डा. माली ने कहा कि जालंधर के वर्कर उन्हें लोकसभा चुनावों के उम्मीदवार के तौर पर देख रहे थे और पार्टी को इसकी जानकारी भी थी। फिर भी जिस प्रकार हाईकमान ने बाहर से लाकर उम्मीदवार जालन्धर में दिया है उससे लोकल इकाई में निराशा फैली है।