Edited By Tania pathak,Updated: 30 Sep, 2020 06:57 PM
पीड़ित का आरोप है कि कार्यवाही न होने के कारण उसने 4 सितम्बर को आफिस के बाहर धरना भी...
लुधियाना (राज): पुलिस का रिश्वत लेना कोई नयी बात नहीं है। आम देखने और सुनने में आता है कि पुलिस पीड़ितों को धमका कर या उनका काम करने के बदले रिश्वत लेती है परन्तु लुधियाना में एक अजीब केस सामने आया है कि जहाँ एक जबर-बलात्कार की पीड़ित ने केस की जांच कर रही एसआई महिला पर रिश्वत लेने के आरोप लगाऐ हैं। पीड़ित ने इस की शिकायत विजीलैंस को दी थी, जोकि इस केस में सोमवार को उसके विजीलैंस ऑफिस में बयान भी हुए। पीड़ित ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के रहने वाले ॠतेष राणा के साथ उसके प्रेम संबंध थे, जिसने विवाह का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण किया। इस संबंधी उसके शिकायत देने के बाद दिसंबर 2019 में थाना फोकल पुआइंट में मुलजिम खिलाफ केस दर्ज हो गया था।
केस की जांच एक एसआई महिला को दी गई थी। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस आरोपी को पकड़ने में गंभीरता नहीं दिखा रही थी। आरोपी के गाँव में रेड करने के लिए एसआई को पैसे दिए। उसके पास पैसे नहीं थे। फिर भी उसने अपनी गोल्ड रिंग गहने रख कर पैसे दिए। जब आरोपी के गाँव रेड की गई तो वहाँ से पकड़ा नहीं गया था। इसके बाद एसआई अपने जन्मदिन पर उससे 2 हजार रुपए ले गई थी और उसके बाद 5-6 बार उससे 2-2 हजार रुपए लिए। उक्त एसआई महिला ने आरोपी को पकड़ने का कह कर उससे करीब 25 हजार रुपए ठग लिए थे।
पीड़ित का आरोप है कि कार्यवाही न होने के कारण उसने 4 सितम्बर को आफिस के बाहर धरना भी दिया था। जहां उसने सारी बात सी. पी. राकेश अग्रवाल को बताई थी परन्तु फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई थी। फिर उस ने एसआई महिला खिलाफ विजीलैंस के टोल फ्री नंबर पर शिकायत दी। साथ ही, उसे कुछ दिनों बाद पता लगा कि आरोपी नौजवान को अदालत से ज़मानत भी मिल गई।
उधर, एसआई किरनप्रीत कौर का कहना है कि केस दिसंबर 2019 में दर्ज हुआ था। इससे पहले उस पर कोई आरोप नहीं लगा। अब जब अदालत की तरफ से आरोपी को जमानत दी गई है तो पीड़ित उन पर झूठे आरोप लगाने लगी है। पीड़ित उनको कहने लगी कि मुलजिम को जेल भेजो परन्तु वह अदालत के निर्देशों की पालना कर रहे हैं। केस की जांच अब जॉइंट सी. पी. कनवरदीप कौर कर रहे हैं। किरनप्रीत कौर का कहना है कि उन पर लगे सभी आरोप झूठे हैं।