Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Dec, 2017 12:03 PM
भारत में अपहरण एवं दुष्कर्म विशेषकर छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके पीछे एक ही कारण है कि आरोपी हमारे देश के बने पुराने व नरम कानूनों के कारण आराम से बच निकलते हैं लेकिन अब मध्य प्रदेश विधान सभा में...
कपूरथला (मल्होत्रा): भारत में अपहरण एवं दुष्कर्म विशेषकर छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके पीछे एक ही कारण है कि आरोपी हमारे देश के बने पुराने व नरम कानूनों के कारण आराम से बच निकलते हैं लेकिन अब मध्य प्रदेश विधान सभा में सरकार द्वारा दंड विधि में संशोधन करते हुए 12 वर्ष तक की बालिकाओं के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को फांसी की सजा का प्रावधान किया है और दंड विधि विधेयक 2017 को मंजूरी दे दी गई है।
इसके अतिरिक्त लिव-इन-रिलेशन में रहने वाली महिला द्वारा उत्पीडऩ की शिकायत एवं लड़कियों व महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों पर भी सख्त सजा का प्रावधान होगा। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पारित इस सख्त कानून की देश के सभी राज्यों द्वारा सराहना की जा रही है। मध्य प्रदेश विधानसभा के फैसले के मद्देनजर ‘पंजाब केसरी’ की टीम द्वारा पाठकों के लिए कुछ लोगों से विचार-विमर्श किया गया।
कैप्टन सरकार भी शीघ्र उठाए कदम
मध्य प्रदेश विधान सभा की ओर से दंड विधि विधेयक 2017 पारित कर जो पहल की है उसकी देश के चारों ओर सराहना की जा रही है क्योंकि देश की राजधानी सहित अन्य प्रदेशों में दामिनी व निर्भया कांड सहित विभिन्न महिलाओं के साथ दुष्कर्म व एसिड अटैक के मामले होते रहे हैं जो देश की मानवता को कलंकित कर रहे हैं। पंजाब की कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार को शीघ्र ही अपने राज्य की बालिकाओं व महिलाओं की सुरक्षा के लिए विधानसभा में ऐसा ही कानून पारित करना चाहिए ताकि राज्य में भी महिलाएं व बालिकाएं अपने आप को महफूज महसूस कर सकें।