Edited By swetha,Updated: 29 Sep, 2018 08:45 AM
600 मैगावाट विद्युत उत्पादन समर्था वाली रणजीत सागर बांध परियोजना की झील का स्तर खतरे के निशान तक बना हुआ है। ऊपरी क्षेत्रों में निरंतर बारिश के चलते झील में पानी की आवक दर्ज की जा रही है। झील का जल स्तर 526.94 मीटर दर्ज किया गया, जबकि इसकी समर्था...
पठानकोट/शाहपुरकंडी/ धारकलां(शारदा,पवन): 600 मैगावाट विद्युत उत्पादन समर्था वाली रणजीत सागर बांध परियोजना की झील का स्तर खतरे के निशान तक बना हुआ है। ऊपरी क्षेत्रों में निरंतर बारिश के चलते झील में पानी की आवक दर्ज की जा रही है। झील का जल स्तर 526.94 मीटर दर्ज किया गया, जबकि इसकी समर्था 527.91 मीटर है। यानि झील का जल स्तर 0.97 मीटर खतरे के निशान से महज नीचे बना हुआ है। हालांकि डैम प्रबंधन पल-पल बदलती स्थिति पर पैनी निगाह रखे हुए है। क्षमता के साथ डैम से विद्युत उत्पादन लिया जा रहा है। डाऊन स्ट्रीम पानी छोड़ा जा रहा है।
डैम प्रबंधन ने रखी है पैनी नजर
वहीं बांध परियोजना के अधिकारी एक्सियन सुधीर गुप्ता ने बताया कि डैम प्रबंधन पूरी चौकसी रखे हुए व हिमाचल प्रदेश के मौसम विभाग के साथ पूरा तालमेल स्थापित किए हुए है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। हिमाचल प्रदेश के ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में निरंतर हो रही बारिश व डाऊन स्ट्रीम से बाढ़ के पानी की भारी आवक के चलते रावी दरिया पर निर्मित 600 मैगावाट विद्युत उत्पादन वाली रणजीत सागर बांध परियोजना की झील लबालब भरी हुई है। वहीं झील में पानी की आमद के चलते आसपास की कई एकड़ भूमि व उगी हुई फसलें भी जल समाधि ले बैठी हैं।
अर्धपर्वतीय लोगों की बढ़ी मुश्किलें
झील का जल स्तर बढने से करुण रोड का पुल डूब गया है। जिले के नीम पहाड़ी धार ब्लॉक के भटवां से मोथवा-करुण जाने वाले मार्ग पर स्थित उक्त पुल डूबने से झील का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है। इससे अर्धपर्वतीय जनता की मुश्किलें बढ़ गई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब से डैम व इसकी विस्तृत झील अस्तित्व में आई है, पुल झील का जल स्तर बढने के बाद भी कभी नहीं डूबा। इस बार पानी पुल के ऊपर से गुजर रहा है। विडम्बना यह है कि यह पुल डैम द्वारा अधिगृहीत किए गए भू-रकबे में आता है।
रोड के निर्माण पर हुई थी भारी भरकम राशि खर्च
मंडी बोर्ड ने इस रोड के निर्माण पर भी भारी भरकम राशि खर्च की है। पुल पानी में डूबने से आधा दर्जन नीम पहाड़ी गांव प्रभावित हुए हैं। करुण रोड पर बने पुल के डूब जाने से प्रभावित गांवों विशेषकर स्कूली बच्चों व नौकरी पेशा लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं व उनके गंतव्य तक आने-जाने में नाना प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पुल में से अढ़ाई से लेकर 3 फुट तक पानी गुजर रहा है।