Edited By Vatika,Updated: 11 Jan, 2019 08:41 AM
जब से सुखबीर बादल अकाली दल के प्रधान बने हैं, तब से उन्होंने सिखों की मान-मर्यादा को ठेस ही पहुंचाई है और पंजाब को जमकर लूटा है। उक्त बातें अकाली दल टकसाली के अध्यक्ष रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने पूर्व सांसद व सीनियर एड. राजदेव सिंह खालसा के निवास पर...
बरनाला(विवेक सिंधवानी,गोयल): जब से सुखबीर बादल अकाली दल के प्रधान बने हैं, तब से उन्होंने सिखों की मान-मर्यादा को ठेस ही पहुंचाई है और पंजाब को जमकर लूटा है। उक्त बातें अकाली दल टकसाली के अध्यक्ष रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने पूर्व सांसद व सीनियर एड. राजदेव सिंह खालसा के निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहीं।
उन्होंने क हा कि सुखबीर ने डेरा सिरसा वाले बाबा को बिना मांगे ही अकाल तख्त से माफी दिलवा दी। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी हुई पर रोष मार्च निकालने वाले सिख नौजवानों पर बादल परिवार ने गोलियां चलवा दीं। 10 वर्ष सत्ता में रहते सुखबीर बादल ने जमकर पंजाब को लूटा, जिसके चलते उन्हें सत्ता से बाहर होना पड़ा। उन्होंने रेत और अन्य कारोबारों पर कब्जा कर लिया जिससे उद्योगपति और जनता दुखी हो चुकी थी। इसलिए उन्हें सुखबीर बादल की गलत नीतियों से तंग आकर ही टकसाली अकाली दल का गठन करना पड़ा। उन्होंने कहा कि टकसाली अकाली दल आने वाले लोकसभा चुनावों में न तो कांग्रेस से गठजोड़ करेगा न ही अकाली दल से, ये दोनों पार्टियां हमारे लिए अछूत हैं जबकि अन्य पार्टियों के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं वहीं चुनाव में गठजोड़ करने के लिए भगवंत मान भी मेरे पास आए थे।
अभी आप सहित अन्य दलों से बातचीत चल रही है। इस संबंधी अभी कोई फैसला नहीं हुआ। टकसाली नेताओं के राजदेव सिंह खालसा के घर जाने से राजनीतिक गलियारों में उनके संगरूर लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे की चर्चाएं तेज हो गई हैं। वह पहले भी संगरूर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। प्रैस कांफ्रैंस में राजदेव सिंह खालसा ने इशारा भी किया कि जब मुझे संयुक्त अकाली दल से टिकट दी गई थी तो रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने ही संयुक्त अकाली दल की बैठक में मेरा नाम लिया था। वहीं रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा व सेवा सिंह सेखवां ने कहा कि राजदेव सिंह खालसा हमारे पुराने मित्र हैं। टकसाली अकाली दल में उनके आने से पार्टी मजबूत होगी। संगरूर व बरनाला जिले की जिम्मेदारी इनके कंधों पर होगी।