Edited By Des raj,Updated: 24 Aug, 2018 11:05 PM
शिरोमणि अकाली दल ने आज कैबिनेट मंत्री सुखजिन्द्र सिंह रंधावा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अपने सिख होने का दावा करने से पहले वह श्री दरबार साहिब व श्री अकाल तख्त साहिब पर हमले का स्वागत करने के अपने पिता संतोष सिंह रंधावा के गुनाह की श्री अकाल तख्त...
अमृतसर(ममता): शिरोमणि अकाली दल ने आज कैबिनेट मंत्री सुखजिन्द्र सिंह रंधावा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अपने सिख होने का दावा करने से पहले वह श्री दरबार साहिब व श्री अकाल तख्त साहिब पर हमले का स्वागत करने के अपने पिता संतोष सिंह रंधावा के गुनाह की श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर समूह सिख संगत से माफी मांगेें।
पूर्व विधायक और शिरोमणि अकाली दल के वक्ताओं विरसा सिंह वल्टोहा, हरजीत सिंह संधू और रविन्द्र सिंह ब्रह्मपुरा ने कहा कि मंत्री रंधावा को आज अपने पिता की तरह सत्ता का नशा चढ़ गया है। 1984 में जब इंदिरा गांधी ने श्री अकाल तख्त साहिब व श्री दरबार साहिब पर टैंकों के साथ हमला किया था तो तब जेल मंत्री के पिता संतोख सिंह रंधावा पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रधान थे जिन्होंने न सिर्फ हमला करने का स्वागत किया बल्कि इसके लिए इंदिरा गांधी का धन्यवाद भी किया था। यह बात 17 जुलाई 2014 के विधानसभा इजलास के दौरान रंधावा ने ख़ुद भी स्वीकार की थी जोकि विधानसभा के रिकार्ड में दर्ज है। उन्होंने विधानसभा की रिकार्ड कापी भी प्रैस को दिखाई।
उन्होंने कहा कि सुखी रंधावा के पिता द्वारा किए गुनाह को सिख संगत अभी भूली नहीं और यह गुनाह क्षमा योग्य भी नहीं है।उन्होंने कहा कि जब मंत्री खुद स्वीकार कर रहे हैं कि उनके पिता ने गलती की थी तो उनको खुद श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर सिख संगत से माफी मांगनी चाहिए। मौजूदा हालात में यह और भी लाजिमी है क्योंकि अब सुखजिन्द्र रंधावा ने सत्ता के नशे में खुद ही गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज गुरु नानक देव की बाणी को तोड़-मरोड़ कर लोगों आगे पेश करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि मंत्री रंधावा ने यदि जल्द ही माफी न मांगी तो हम उनका पुरजोर विरोध करेंगे। सिख संगत में उनके व्यवहार प्रति पूर्ण गुस्सा है और यह गुस्सा किसी भी समय लावा बनकर फूट सकता है। इस मौके पर रविइन्द्र सिंह काहलों यूथ प्रधान, तलबीर सिंह गिल, गुरप्रताप सिंह टीका, गुरप्रीत सिंह रंधावा, राणा रणबीर सिंह लोपोके, मेजर शिवि, प्रो. सरचांद सिंह, जसपाल सिंह शंटू आदि मौजूद थे।