Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 05:08 AM
पिम्स मैडीकल कालेज को डोनेट होने वाली डैड बॉडीज को लेकर भी बाबा राम रहीम का कनैक्शन सामने आया....
जालंधर(अमित): पिम्स मैडीकल कालेज को डोनेट होने वाली डैड बॉडीज को लेकर भी बाबा राम रहीम का कनैक्शन सामने आया है। पिम्स को आज तक मिली डैड बॉडीज का 30 प्रतिशत हिस्सा केवल डेरा अनुयायी परिवारों से संबंधित है। 6 सालों में पिम्स को 37 बॉडीज डोनेट हुई हैं।
बाबा राम रहीम के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के लाखों-करोड़ों अनुयायियों में से बहुत बड़ी गिनती ऐसे लोगों की थी जिनके परिजनों के निधन पर उनके शरीर को किसी न किसी मैडीकल कालेज को दान में दे दिया जाता था। इसी कड़ी में जालंधर के पिम्स मैडीकल कालेज को भी साल 2011 से लेकर अब तक कुल दान दी गई 37 डैड बॉडीज में से 11 डैड बॉडीज डेरा अनुयायी परिवारों के साथ संबंधित हैं।
फार्म भरकर और एफीडैविट लेकर ली जाती है डैड बॉडी : डा. अंबिका
पिम्स मैडीकल कालेज में एनीटॉमी विभाग की एच.ओ.डी. डा. अंबिका का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति अपने जीवनकाल में ही अपनी देह दान करना चाहता है तो वह एक फार्म भरकर और एक एफीडैविट देकर ऐसा कर सकता है जिसके बाद उसे एक आई.कार्ड जारी कर दिया जाता है ताकि उसके निधन के बाद उसकी देह को इस्तेमाल किया जा सके। मगर किसी व्यक्ति के निधन उपरांत अगर उसके परिजन ऐसा करना चाहते हैं तो फार्म भरना और एफीडैविट देना अनिवार्य है। इसके साथ ही अगर निधन अस्पताल में हुआ है तो अस्पताल का सर्टीफिकेट साथ में होना जरूरी है।
पिम्स प्रबंधन की तरफ से गाड़ी भेजकर मंगवाई जाती थीं डैड बॉडीज
पिम्स प्रबंधन की तरफ से अपनी गाड़ी और डैजीगनेटिड सुपरवाइजर को निजी तौर पर भेजकर जिले के बाहर से भी डैड बॉडीज मंगवाई जाती रही हैं जिसके लिए अपने लैटर हैड पर बाकायदा तौर पर एक अथारिटी लैटर-कम-ट्रांसपोर्टेशन सर्टीफिकेट देकर डैड बॉडीज जालंधर मंगवाई जाती थी।
मुझे इस बारे अधिक जानकारी नहीं है। मगर इसके बारे कुछ भी कहने से पहले अस्पताल का रिकार्ड चैक करना जरूरी है। इसके बाद ही पता लग सकता है कि कोई कोताही बरती गई है या नहीं। - रैजीडैंट डायरैक्टर पिम्स डा. कंवलजीत सिंह