Edited By Vatika,Updated: 01 Oct, 2018 10:43 AM
राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा की तरफ से इस्तीफा दिए जाने के बाद टकसाली नेताओं की नाराजगी अकाली दल पर भारी पड़ सकती है।
चंडीगढ़: राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा की तरफ से इस्तीफा दिए जाने के बाद टकसाली नेताओं की नाराजगी अकाली दल पर भारी पड़ सकती है।
ढींडसा के इस्तीफे के बाद जिस तरह संसद मैंबर रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, सेवा सिंह सेखवां और रत्न सिंह अजनाला ने खुल कर अपनी नाराजगी ज़ाहिर की है, उससे स्पष्ट हो गया है कि अकाली दल का संकट बरकरार है। इन नेताओं के इस्तीफ़ा न देने के कारण फ़िलहाल यह संकट टल गया है परन्तु खत्म नहीं हुआ।
टकसाली नेताओं ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि जिस तरीके से सुखबीर बादल पार्टी चला रहे हैं, उससे वह संतुष्ट नहीं हैं। नेताओं की नाराजगी आने वाले समय में अकाली दल के लिए संकट पैदा कर सकती है। ढींडसा के इस्तीफ़ा देने के बाद ही ब्रह्मपुरा, सेखवां और अजनाला ने भी इस्तीफ़ा देने का मन बना लिया था, जिसकी जानकारी पार्टी को भी थी। बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के दख़ल के बाद उक्त नेताओं ने प्रैस कान्फ़्रेंस करके यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे।