Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jun, 2017 02:43 PM
सोमवार की सुबह हुई बरसात ने शहरवासियों को गर्मी से तो राहत दे दी, लेकिन शहर में जहां-तहां हुए जल भराव से उसने शहरवासियों के लिए परेशानी को बढ़ा दिया। सुबह तड़के शुरू हुई बरसात तो कुछ देर में ही थम गई, लेकिन मामूली बरसात ने प्रशासन के सभी दावों की...
पठानकोट (शारदा): सोमवार की सुबह हुई बरसात ने शहरवासियों को गर्मी से तो राहत दे दी, लेकिन शहर में जहां-तहां हुए जल भराव से उसने शहरवासियों के लिए परेशानी को बढ़ा दिया। सुबह तड़के शुरू हुई बरसात तो कुछ देर में ही थम गई, लेकिन मामूली बरसात ने प्रशासन के सभी दावों की पोल खोल दी। शहर के कई सार्वजनिक स्थलों व रिहायशी बस्तियों में पानी भर गया।
बारिश से पठानकोट का मुख्य गांधी चौक, आनंदपुर रड्डा, अबरोल नगर, काली माता मंदिर रोड, शाहपुर चौक, लमीनी में पानी भर गया तथा कीचड़ हो गया। इसी तरह निचली रिहायशी आनंदपुर कुलियां, शंकर कॉलोनी, सैली कुलियां, चार मार्ले क्वार्टर, प्रेम नगर, टीचर कॉलोनी, शास्त्री नगर में जल भराव की स्थिति पैदा हो गई। इसके अतिरिक्त शहर की मुख्य सड़कें भी जलमग्न हो गईं। शहर के मुख्य चौराहों बस स्टैंड, डलहौजी रोड, गुरदासपुर रोड, कालेज रोड पर भी जलभराव की स्थिति दिखी।]
क्या कहते हैं शहर के मेयर?
नालों की सफाई के बारे में जब निगम मेयर अनिल वासुदेवा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नागरिकों को भी इस तरफ ध्यान देना चाहिए कि वे गंदगी को नालों में न ढालें। नगर निगम ने नालों की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाया हुआ है। अगर कहीं कमी है तो इसमें और सुधार किया जाएगा।
नालों की सफाई न हुई तो बिगड़ सकते हैं हालात
सफाई को लेकर पठानकोट में हालत लंबे समय से खराब चल रही है। शहर में करीब 9 किलोमीटर क्षेत्र में बहने वाले गंदे नाले की मुकम्मल सफाई नहीं की गई है। केवल खानापूॢत के नाम पर नाले से गंदगी निकाल कर बाहर सड़क पर डाल दी गई है जो कुछ समय में ही बारिश से वापस नाले में चली जाएगी या फिर वाहनों के साथ-साथ सड़क पर फैल जाएगी।
मोहल्ला सराई, आनंद पुर, टीचर कॉलोनी, विश्वकर्मा मंदिर, मेन बाजार व मोहल्ला घरथौली गंदे नाले से अटे होने के कारण हल्की-सी बरसात में ही ओवर फ्लो होने लगते हैं जो मोहल्ला वासियों के लिए परेशानी का सबब बन जाते हैं लेकिन न तो निगम प्रशासन इस तरफ ध्यान दे रहा है और न ही सिविल प्रशासन। अभी तो बरसात ढंग से पड़ी भी नहीं कि शहर पानी-पानी हो गया। नगर निगम सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। अगर समय रहते नालों की सफाई नहीं हुई तो आगे हालात और भी खराब हो सकते हैं।