Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Nov, 2017 01:10 PM
बाल मजदूरी के खिलाफ छेड़े गए साप्ताहिक अभियान के पहले दिन जिला टास्क फोर्स टीम ने 12 बाल मजदूरों को आजाद करवाया है। टीम के अधिकारियों ने शहर के विभिन्न हिस्सों में डोमैस्टिक व कमर्शियल स्थलों पर कार्रवाई को अंजाम दिया। जिलाधीश प्रदीप अग्रवाल ने नई...
लुधियाना(खुराना): बाल मजदूरी के खिलाफ छेड़े गए साप्ताहिक अभियान के पहले दिन जिला टास्क फोर्स टीम ने 12 बाल मजदूरों को आजाद करवाया है। टीम के अधिकारियों ने शहर के विभिन्न हिस्सों में डोमैस्टिक व कमर्शियल स्थलों पर कार्रवाई को अंजाम दिया। जिलाधीश प्रदीप अग्रवाल ने नई रणनीति के तहत अपने कार्यालय में जिला टास्क फोर्स की 3 टीमों का गठन किया, जिसमें विभिन्न 8 सरकारी विभागों के अधिकारियों सहित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग विंग के पुलिस जवानों के साथ ही बचपन बचाओ आंदोलन संस्था के वालंटियर शामिल हुए।
बता दें कि पहले छापेमारी टीमों के गठन के लिए लेबर विभाग के गिल चौक स्थित कार्यालय में ही किया जाता रहा है। जिलाधीश ने सहायक कमिश्नर (शिकायतें) डा. पूनम प्रीत कौर की अगुवाई में उक्त गठित टीम को छापेमारी हेतु भेजा। लेबर विभाग कार्यालय से छापेमारी के लिए टीमों के निर्धारित समय से देरी से निकलने का समाचार मीडिया में चर्चा का विषय बनता रहा है। इसे लेकर कई बार बी.बी.ए. के दिनेश शर्मा का संबंधित अधिकारियों से विवाद भी होता रहा है।
बाल मजदूरी की कैद से बच्चों को निजात दिलवाने के लिए आज सुबह शुरू हुई कार्रवाई के दौरान टीम-ए ने सिविल लाइंस स्थित इलाके दंडी स्वामी चौक के निकट एक स्वीट शॉप से 3, टीम-बी ने डी.एम.सी. अस्पताल के पास पड़ते क्षेत्र के ढाबे व डिपार्टमैंट स्टोर से 4, सेखोंवाल में पड़ते एक औद्योगिक घराने में छापेमारी करके 5 बच्चों को बाल मजदूरी के बंधन से मुक्त करवाया।