Edited By Updated: 22 Nov, 2016 12:28 AM
नोटबंदी की मार अब होटल व रेस्तरां कारोबार पर भी साफ दिखाई देने लगी है। मार्कीट में पैसे की कमी के कारण लोगों का घरेलू व रोजमर्रा...
होशियारपुर(जैन): नोटबंदी की मार अब होटल व रेस्तरां कारोबार पर भी साफ दिखाई देने लगी है। मार्कीट में पैसे की कमी के कारण लोगों का घरेलू व रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं का खर्च ही पूरा नहीं हो रहा तो ऐसे में होटल अथवा रेस्तरां जाकर परिवार या बच्चों का दिल बहलाना नामुमकिन है। अब पीजा-बर्गर के लिए पैसे मांगने पर माता- पिता बच्चों को कहते है कि सॉरी पुत्तर मेरे कोल पैसे नही हैं। पंजाब केसरी द्वारा किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक अभिभावक मजबूरीवश बच्चों को बाहर खाना खिलाने के लिए टाल रहे हैं। इस संबंधी जब इस कारोबार से जुड़े लोगों से बातचीत की गई तो वे भी बेहद परेशान दिखे। होटल अम्बर रैजीडैंसी के मैनेजिंग पार्टनर मुनीष नंदा ने कहा कि नोटबंदी के पश्चात दिन-प्रति-दिन सेल में गिरावट नजर आई। उन्होंने कहा कि रूटीन कस्टमर के अलावा अपेक्षाकृत पार्टीज का रुझान भी काफी कम हुआ है।
लगवानी पड़ी स्वैप मशीन
मुनीष के अनुसार अनेक ग्राहक प्लास्टिक मनी के लिए स्वैप मशीन की डिमांड करते थे जो उनके होटल में नहीं थी। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले ही मशीन की व्यवस्था की गई है जिसके पश्चात थोड़ी बहुत सेल इम्प्रूव हुई।
सेल में 50 फीसदी गिरावट
कोर्ट रोड पर नारंग कैफेटेरिया के डायरैक्टर सन्नी नारंग ने कहा कि पिछले 10 दिन के दौरान कारोबार में एकदम 50 फीसदी गिरावट आई है। उनके ग्राहकों में ज्यादातर युवा पीढ़ी व महिला वर्ग शामिल हैं। सन्नी ने बताया कि उन्होंने प्लान किया है कि रात के समय हैप्पी आव्र्ज घोषित कर कस्टमर की अट्रैक्शन हेतु डिस्काऊंट घोषित किया जाए। इससे शायद सेल में कुछ सुधार हो सके।
कारोबार में गिरावट ङ्क्षचता का विषय
जालंधर रोड पर स्थित पीजा हट के एम.डी. श्री बावा ने कहा कि सेल का आंकड़ा 40-50 फीसदी कम हो गया है। सेल में इतनी ज्यादा गिरावट भारी ङ्क्षचता का विषय है। बावा का कहना है कि मनी मार्कीट टाइट होने के कारण ही ये परिस्थितियां बन रही हैं। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि आने वाले दिनों में निश्चित तौर पर इसमें सुधार आएगा।
कोर्ट रोड चौपाटी पर भी दिखा असर
यहां कोर्ट रोड पर ग्रीनव्यू पार्क के बाहर सायंकालीन चौपाटी में चांप, पॉव-भाजी, गोलगप्पे, डोसा, पीजा व बर्गर आदि की रेहडिय़ां लगती हैं। इन तमाम रेहडिय़ों पर भी पिछले कई दिनों से लोगों की भीड़ इक्का-दुक्का ही दिखाई दे रही है। नोटबंदी से पहले तो हाल यह था कि रेहडिय़ों पर रश के चलते कई बार ट्रैफिक भी जाम हो जाता था।