पंजाब की हवा काफी प्रदूषित, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की अपील का नहीं हुआ कोई असर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Nov, 2017 10:15 PM

punjabs air polluted pollution control boards appeal has not affected

पंजाब का एयर क्वालिटी इंडैक्स पंजाब की हवा को काफी प्रदूषित दिखा रहा है, जोकि लगातार 300 से ऊपर चल रहा है जिसका बड़ा कारण किसानों द्वारा पराली को लगाई जाती आग है जिस कारण हवा में उपस्थित महीन कणों की मात्रा 100 की हद के मुकाबले औसतन 329 माइक्रोग्राम...

पटियाला/रखड़ा(बलजिन्द्र/राणा): पंजाब का एयर क्वालिटी इंडैक्स पंजाब की हवा को काफी प्रदूषित दिखा रहा है, जोकि लगातार 300 से ऊपर चल रहा है जिसका बड़ा कारण किसानों द्वारा पराली को लगाई जाती आग है।

जिस कारण हवा में उपस्थित महीन कणों की मात्रा 100 की हद के मुकाबले औसतन 329 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक और अति महीन कणों की मात्रा 60 के मुकाबले औसतन 166 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच चुकी है। ग्रीन ट्रिब्यूनल, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा किसानों को पराली न जलाने की अपील की थी लेकिन उसका कोई असल दिखाई नहीं दिया। 

एक टन पराली जलाने के साथ 3 किलो धूल के कण, 60 किलो कार्बन मोनोआक्साइड, 1460 किलो कार्बन डाईआक्साइड और 2 किलो सल्फर डाईआक्साइड आदि जहरीली गैसें पैदा होती हैं। कटाई और बिजाई के समय दरम्यान 130 लाख टन पराली को जलाए जाने से पैदा हुई गैसों का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है जिस कारण पंजाब एक गैस चैंबर का रूप अख्तियार कर सकता है। 

प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने बढ़े प्रदूषण को किया स्वीकार 
प्रदेश में दीवाली वाले दिन से लेकर आज तक फैले वायु प्रदूषण को आज पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से स्वीकार कर लिया गया है। बोर्ड के प्रवक्ताओं ने बताया कि प्रदेश में पटाखे चलने के साथ-साथ पराली को आग लगाने के कारण हवा में फैले प्रदूषण बढ़ा है। प्रवक्ताओं ने बताया कि पिछले दिनों दौरान तापमान में आई एकदम गिरावट के कारण हवा के बीच के प्रदूषण के कणों का भार बढ़ जाने के कारण यह नजदीक ही रह जाते हैं और धुंध का कारण बनते हैं। 

प्रवक्ताओं ने बताया कि कुछ दिन पहले आग लगाने की घटनाओं की संख्या प्रतिदिन सैंकड़ों में थी जो एकदम बढ़ कर 3000 प्रतिदिन तक पहुंच गई है जिस कारण सारा आसमान धुएं से भरा दिख रहा है और पंजाब की हवा की गुणवत्ता का औसतन सूचक अंक 328 तक पहुंच गया है। यह सबसे ज्यादा लुधियाना में 377 और अमृतसर 333 तक पहुंच चुका है। गांवों के लोग इस दूषित हवा के कारण सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि पराली जलाने से पैदा हुए इस धुएं को हवा न चलने के कारण कहीं भी खींच कर नहीं लेकर जा रही और यह सारा धुआं और जहरीली गैसें गांवों में ही बैठ रही हैं। प्रवक्ताओं ने आगे बताया कि आने वाले दिनों में अगर हवा न चली या बारिश न पड़ी तो स्थिति और बदतर हो सकती है। 

इस स्थिति पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए बोर्ड के चेयरमैन काहन सिंह पन्नू ने सलाह दी कि बेशक प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड किसानों को आग न लगाने बारे प्रेरित करने के लिए हर संभव प्रयत्न कर रहा है परंतु एकदम आग लगने के मामलों में हुआ विस्तार समूचे पंजाब के लिए ङ्क्षनदनीय है। उन्होंने बुजुर्गों, बीमारों और बच्चों और मुख्य तौर पर गांवों में रहते लोगों को सलाह दी कि वे अपनी सेहत का खास ख्याल रखें क्योंकि पंजाब के अस्पतालों और डाक्टरों के क्लीनिकों में लगी देहाती मरीजों की लाइनों में अगले दिनों में और भी वृद्धि हो सकती है।

एयर क्वालिटी इंडैक्स 
शुद्ध हवा                                         100
खराब क्वालिटी                     201 से 300
बहुत बुरी क्वालिटी                301 से 400
खतरनाक स्थिति                  401 से 500

कानून पर राजनीति हावी
प्रदूषित होते पंजाब को बचाने के लिए कानून पर राजनीति हावी नजर आ रही है। पहले दिखावे के लिए किसानों को बिना कोई विकल्प दिए सख्त कानून बना दिए जाते हैं और बाद में वोटों की राजनीति को देख कर उनको लागू ही नहीं किया जाता। ऐसे में कई दशक बीत जाने के बाद भी पराली का कोई योग्य हल नहीं ढूंढा जा सका।

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