Edited By Vatika,Updated: 16 Oct, 2018 10:13 AM
पंजाब सरकार की तरफ से अध्यापकों की तनख्वाहों में कटौती के विरोध में मानसा निवासी गुरप्रीत कौर, जो सरकारी सैकेंडरी स्कूल गांव घुम्मन कलां में पंजाबी लैक्चरार है, ने ‘राज्य पुरस्कार’ नकद राशि समेत वापस करने का ऐलान किया है। शिक्षा जगत में विलक्षण...
मानसा(मित्तल): पंजाब सरकार की तरफ से अध्यापकों की तनख्वाहों में कटौती के विरोध में मानसा निवासी गुरप्रीत कौर, जो सरकारी सैकेंडरी स्कूल गांव घुम्मन कलां में पंजाबी लैक्चरार है, ने ‘राज्य पुरस्कार’ नकद राशि समेत वापस करने का ऐलान किया है। शिक्षा जगत में विलक्षण सेवाओं के लिए पुरस्कार मिला था।
उनका कहना है कि अध्यापक कौम का निर्माता होते हैं। पंजाब सरकार ने ऐसा कर उनका समाज अंदर घोर निरादर किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में बड़े स्तर पर अध्यापकों, लैक्चरारों और दर्जा चार मुलाजिमों की पोस्टें खाली हैं। इन पर स्कूलों में एक अध्यापक को 10-10 सालों से 3-3 ओहदों पर काम करना पड़ रहा है। अब तनख्वाहों में कटौती कर सरकार उनके सब्र को क्यों परख रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से अध्यापकों की तनख्वाहों में कटौती के विरोध में अध्यापकों के साथ खड़े होने के लिए यह कदम उठा रहे हैं। इसलिए वह जल्द ही ‘रा’य पुरस्कार’ नकद राशि समेत पंजाब सरकार को वापस देने जा रही हैं।