गांवों की विकास प्रणाली के आगे बड़ा संकट

Edited By Updated: 20 May, 2017 02:40 PM

punjab village

राज्य सरकार द्वारा गांवों की पंचायतों को पंचायती जमीनों पर 33 प्रतिशत रकबे में पौधे लगाने का मामला पंजाब की समूह

जीरा/फिरोजपुर (अकालियां वाला): राज्य सरकार द्वारा गांवों की पंचायतों को पंचायती जमीनों पर 33 प्रतिशत रकबे में पौधे लगाने का मामला पंजाब की समूह पंचायतों के लिए दुविधा बना हुआ है। नई सरकार के गठन से पहले डायरैक्टर ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग द्वारा जारी नोटीफिकेशन ने गांवों की विकास प्रणाली के आगे संकट खड़ा कर दिया है, क्योंकि जिस गांव की पंचायती जमीन 5 एकड़ से ऊपर है, उनके 33 प्रतिशत रकबे में पौधे लगाए जाएंगे जिस संबंधी गांवों की पंचायतों को निर्देश जारी हो गए हैं। पंचायतें इस आदेश से सहमत नहीं हैं क्योंकि पंचायती जमीन से प्राप्ति होने वाली आमदनी से सिर्फ 37 प्रतिशत ही विकास के लिए रह जाएगा। चाहे पौधे लगाने का विभाग द्वारा बढिय़ा प्रयास है लेकिन यह फैसला पंचायतों के अलावा गांवों के निवासियों पर भी फिट नहीं बैठ रहा। 

33 प्रतिशत रकबे में पौधे लगाने से आमदन होगी प्रभावित
इस फैसले से गांवों के विकास कार्य रुक जाएंगे तथा 33 प्रतिशत रकबे में पौधे लगाने से आमदन भी प्रभावित होगी। इस कारण गांवों की पंचायतें नहीं चाहतीं कि 33 प्रतिशत पंचायती रकबा वृक्ष तले लाया जाए। 

पिछले वर्ष के मुकाबले 7 प्रतिशत ज्यादा वसूला जाएगा समिति फंड 
अकेले 33 प्रतिशत रकबे में पौधे लगाने का मामला ही नहीं बल्कि इस बार समिति फंड भी पिछले वर्ष के मुकाबले 7 प्रतिशत ज्यादा वसूला जाएगा। पहले यह फंड 23 प्रतिशत था जिसमें सीधा असर भी गांवों के विकास पर पड़ेगा। इससे 63 प्रतिशत पंचायती जमीनों की आमदन का हिस्सा गांवों के विकास के हिस्से नहीं आएगा। गांवों में रहते एस.सी. परिवारों के लिए 33 प्रतिशत जमीन रखी जाती है। कई गांवों में जनरल रकबे की तरह 40 से 45 हजार प्रति एकड़ तक पंचायती जमीन नीलाम होती है लेकिन कई गांवों में एस.सी. परिवार 20 से 25 हजार प्रति एकड़ तक ही जमीन ठेके पर लेते हैं। इस कारण भी कई गांवों में पंचायती आमदन कम हो जाती है। अगर इस पक्ष से देखा जाए तो सिर्फ 20 प्रतिशत पंचायती आमदन ही पंचायतों के हाथ आएगी। 

1 लाख 45 हजार एकड़ है पंजाब में पंचायती जमीन
जानकारी के अनुसार पंजाब की पंचायतों के पास 1 लाख 45 हजार एकड़ रकबा है। जिसकी नीलामी 30 से 45 हजार प्रति एकड़ तक होती है। बोलीकार जमीन की सहूलियत अनुसार ठेके पर जमीन लेता है। ब्लाक जीरा में 2119 एकड़ जमीन से 2016-17 में 5 करोड़ 86 लाख 26 हजार 659 रुपए की आमदनी हुई थी। 45 एकड़ जमीन पर नाजायज कब्जे किए गए हैं। मक्खू ब्लाक में 1665 एकड़ जमीन है जिसमें 1306 एकड़ नीलाम होती है तथा बाकी जमीन अवैध कब्जे अधीन है।

हमने निर्देश जारी कर दिए हैं : हरजिंद्र सिंह
बी.डी.पी.ओ. हरजिंद्र सिंह का कहना है कि इस संबंधी उन्होंने पंचायतों को हिदायतें जारी कर दी हैं क्योंकि पौधे लगाने से वातावरण में तबदीली आएगी। इससे जीवन स्तर ऊंचा हो जाएगा। 

किसी भी कीमत पर पौधे नहीं लगाएंगी पंचायतें  
पंचायत यूनियन के नेता सरपंच बोहड़ सिंह का कहना है कि पंचायतें किसी भी कीमत पर पौधे नहीं लगाएंगी तथा फंड भी 30 प्रतिशत की जगह 20 प्रतिशत से अधिक नहीं देंगी। उनका कहना है कि पंचायतें इस मुद्दे पर एकजुट हैं तथा इस प्रति वह किसी भी संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगी।

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