Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 02:33 PM
पंजाबी भाषा को प्रमोट करने के दावा करने वाले पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा मातृ भाषा पंजाबी को दो नम्बर की भाषा बना दिया गया है।
मोहाली (नियामिया): पंजाबी भाषा को प्रमोट करने के दावा करने वाले पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा मातृ भाषा पंजाबी को दो नम्बर की भाषा बना दिया गया है। दसवीं एवं 12वीं कक्षाओं के विद्यार्थियों को जारी किए जाने वाले प्रमाण-पत्रों में विद्यार्थियों की जानकारी पहले अंग्रेजी में फिर इस के बाद पंजाबी में लिखने का फैसला किया है। जबकि एक तरफ आज पंजाब में पंजाबी को मुख्य स्थान दिलवाने के लिए सहित्यकार एवं पंजाबी मातृ भाषा को प्यार करने वाली संस्थाएं पंजाबी को प्रमुख स्थान दिलवाने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
पंजाब विधानसभा द्वारा पंजाबी भाषा को चंडीगढ़ में प्रमुख स्थान दिलवाने के लिए एक प्रस्ताव भी पास किया हुआ है पंरतु राज्य सरकार के अपने ही बोर्ड में पंजाबी को पहला स्थान नहीं दिया गया।
उल्लेखनीय है कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक में सी.बी.एस.सी. एवं हिमाचल बोर्ड के दसवीं व बारवीं कक्षा के लिए जारी किए जाने वाले प्रमाण-पत्र का फार्मेट को आधार बना कर बोर्ड द्वारा जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्रों का विवरण (नाम, पिता का नाम, माता का नाम एवं स्कूल आदि) दोनों भाषाओं (अंग्रेजी व पंजाबी) में ही लिखे जाने एवं अंकित किए जाने वाला विवरण में अंग्रेजी भाषा पहले स्थान पर एवं पंजाबी भाषा दूसरे स्थान पर रखने की सिफारिश की है। इसमें यह भी सिफारिश की गई कि प्रमाण-पत्रों के पिछले पन्ने एवं पंजाबी भाषा में अंकित हिदायतों को बदलकर सिर्फ अंग्रेजी में ही लिखा जाए। सिफारिश के अनुसार इसके अलावा सैक्रेटरी की मोहर भी अंग्रेजी में होगी एवं हस्ताक्षर भी अंग्रेजी भाषा में ही किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि आज तक प्रमाण-पत्र एवं विवरण पहले पंजाबी एवं फिर अंग्रेजी में लिखे जाते रहे है। पंरतु निदेशक मंडल की नई सिफारिशे लागू कर दी गईं है।