Edited By Sunita sarangal,Updated: 01 Sep, 2021 03:51 PM
जानकारी के अनुसार गठित सी.एम.टी. कोयला मंत्रालय और बिजली मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में रहेगी। संकट में घिरे थर्मल........
पटियाला(परमीत): देश में भारी बरसात के कारण खदानों से कोयला निकालने में मुश्किलें पैदा हो रही हैं। इसके चलते थर्मल प्लांटों में कोयले की भारी कमी पैदा हो गई है। जिसके कारण बिजली मंत्रालय ने कोयला प्रबंधन के लिए एक कोर मैनेजमेंट टीम (सी.एम.टी.) गठित कर दी है। बरसात के कारण माइनिंग में पैदा हुए गंभीर संकट को देखते हुए यह फैसला किया गया है।
जानकारी के अनुसार गठित सी.एम.टी. कोयला मंत्रालय और बिजली मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में रहेगी। संकट में घिरे थर्मल प्लांटों के लिए कोयले की सप्लाई पर ध्यान दिया जाएगा। फैसला किया गया कि जिन थर्मल प्लांटों मे 14 दिनों का कोयला होगा उनकी अगले 7 दिनों की सप्लाई रोक दी जाएगी। इसी तरह बचा कोयला गंभीर संकट में फंसे प्लांटों को दिया जाएगा। कोयला मंत्रालय ने 50.87 मीट्रिक टन कोयला उपलब्ध होने की पुष्टि की है। इस दौरान यह भी फ़ैसला किया गया कि गैस-आधारित प्लांटों और न्यूक्लियर बिजली स्टेशनों से बिजली पैदावार पर जोर दिया जाए।
इस दौरान पंजाब के 5 थर्मल प्लांटों में फिर कोयला संकट के आसार हैं। पंजाब राज्य बिजली निगम लिमटिड (पावरकॉम) की रिपोर्ट के अनुसार इस समय रोपड़ में स्थित गुरू गोबिन्द सिंह सुपर थर्मल पलांट में 8 दिन का जबकि गुरु हरगोबिंद थर्मल पलांट में 7 दिन का कोयला भंडार है। प्राइवेट प्लांटों में से तलवंडी साबो पलांट के पास 8 दिन, राजपुरा पलांट के पास 12 दिन और श्री गोइंदवाल साहिब के पास 4 दिन का कोयले का भंडार बाकी है। यह संकट क्या करवट लेता है, यह तो समय ही बताएगा।
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