अब 1 फरवरी से पंजाब के इन इलाकों में नहीं होगी डीजल-पैट्रोल ऑटो की रजिस्ट्रेशन

Edited By Vatika,Updated: 18 Jan, 2019 10:59 AM

punjab pollution control board

प्रदेश में लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने साहसिक फैसला लिया है। अब जालंधर सहित 5 जिलों में 1 फरवरी से डीजल व पैट्रोल से चलने वाले आटो की रजिस्ट्रेशन नहीं की जाएगी। यानी नई रजिस्ट्रेशन भी नहीं होगी और पुराने आटो की...

जालंधर(रविंदर): प्रदेश में लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने साहसिक फैसला लिया है। अब जालंधर सहित 5 जिलों में 1 फरवरी से डीजल व पैट्रोल से चलने वाले आटो की रजिस्ट्रेशन नहीं की जाएगी। यानी नई रजिस्ट्रेशन भी नहीं होगी और पुराने आटो की रजिस्ट्रेशन भी नहीं की जाएगी।
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पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन एस.एस. मरवाहा का कहना है कि 1 फरवरी से पैट्रोल व डीजल से चलने वाले किसी भी आटो की रजिस्ट्रेशन जालंधर, अमृतसर, मोहाली, लुधियाना और फतेहगढ़ साहिब में नहीं की जाएगी। इस मामले में सभी हितों को मद्देनजर रखते हुए अंडर सैक्शन 31-ए आफ एयर (प्रिवैंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) एक्ट 1981 के तहत आर्डर पास किए गए हैं। अकेले लुधियाना की बात करें तो यहां पर एक लाख के करीब ऑटो रिक्शा डीजल व पैट्रोल से चलते हैं। वहीं जालंधर में 25 हजार के करीब आटो रिक्शा डीजल तथा पैट्रोल से चल रहे हैं। इनमें से अधिकांश पहले ही अवैध रूप से बिना रजिस्ट्रेशन व बिना कागजातों के धड़ल्ले से प्रदूषण फैलाते हुए जनता की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।
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आटो रिक्शा से बढ़ते प्रदूषण व आटो रिक्शा वालों की मनमानी को लेकर पहले ही हाईकोर्ट में पी.आई.एल. डाली गई थी जिस पर फैसला सुनाते हुए अदालत ने लुधियाना, जालंधर, अमृतसर और पटियाला की शहरी हद में किसी भी तरह के पैट्रोल व डीजल रिक्शा की रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद आटो रिक्शा मालिकों ने अनोखा खेल खेलते हुए रजिस्ट्रेशन रूरल एरिया में करवानी शुुरू कर दी थी, मगर अब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने इन पांचों जिलों के शहरी व देहाती इलाके में किसी भी तरह की रजिस्ट्रेशन पर पाबंदी लगा दी है। चेयरमैन मरवाहा का कहना है कि हम एयर पॉल्यूशन को कम करना चाहते हैं। इसको लेकर ई-रिक्शा व सी.एन.जी. रिक्शा को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा स्टेट ट्रांसपोर्ट विभाग को भी 15 साल पुराने वाहनों को सड़कों पर चलने की किसी भी तरह की परमिशन न देने को लिखा गया है। मौजूदा समय में 30 हजार के करीब ऐसे ऑटो रिक्शा चल रहे हैं, जो 15 साल पुराने हैं और यह वातावरण को ज्यादा प्रदूषित कर रहे हैं। 

ऑटो रिक्शा चालक यूनियन ने फैसले का किया विरोध

दूसरी तरफ ऑटो रिक्शा चालक यूनियन ने पी.पी.सी.बी. के इस फैसले का विरोध किया है। यूनियन का कहना है कि सी.एन.जी. पम्प पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं। पहले सरकार को चाहिए कि सभी जिलों में सी.एन.जी. पम्पों का उचित प्रबंध करे और फिर इस फैसले को लागू करें। 

लोगों का कहना-जनता हित में फैसला

दूसरी तरफ आम नागरिकों ने पंजाब प्रदूषण कंट्रोल के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा कि इससे न केवल प्रदूषण पर लगाम लगेगी, बल्कि ऑटो रिक्शा वालों की मनमानी से भी छुटकारा मिलेगा। लोगों का कहना है आटो रिक्शा की बजाय सरकार को अपनी पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरूकर जनता को राहत देनी चाहिए। 

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