पंजाब ने नहीं सीखा रत्नागिरी डैम हादसे से कोई सबक

Edited By Vatika,Updated: 12 Jul, 2019 10:24 AM

punjab not learned any lesson from ratnagiri dam accident

महाराष्ट्र के रत्नागिरि में डैम टूटने के बाद जान-माल के नुक्सान से भी पंजाब सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा है। पंजाब के बांधों की निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करना तो दूर, अब तक राज्य सरकार स्टेट प्रोजैक्ट मॉनीटरिंग यूनिट तक का गठन नहीं कर पाई है। यह हालत तब...

चंडीगढ़ (अश्वनी कुमार): महाराष्ट्र के रत्नागिरि में डैम टूटने के बाद जान-माल के नुक्सान से भी पंजाब सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा है। पंजाब के बांधों की निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करना तो दूर, अब तक राज्य सरकार स्टेट प्रोजैक्ट मॉनीटरिंग यूनिट तक का गठन नहीं कर पाई है। यह हालत तब है जब केंद्र सरकार ने 10 अप्रैल तक यूनिट गठित करने के निर्देश जारी किए थे। दरअसल, केंद्र सरकार ने पंजाब के 14 छोटे-बड़े बांधों को बांध पुनर्वास और सुधार योजना-2 (ड्रिप-2) के तहत रखा है, जिनमें से 12 छोटे बांध कंडी इलाके में हैं। योजना का मकसद सभी बांधों को पूरी तरह सुरक्षित बनाना है इसलिए केंद्र ने राज्य सरकारों को निर्धारित समय सीमा के भीतर ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए थे ताकि डैम सेफ्टी सुनिश्चित की जा सके। बावजूद इसके पंजाब सरकार ने अब तक ठोस कदम नहीं उठाए हैं। 
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भाखड़ा ब्यास मैनेजमैंट बोर्ड से भी नहीं सीखा सबक
डैम सेफ्टी को लेकर पंजाब सरकार ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमैंट बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) से भी कोई सबक नहीं सीखा है। बोर्ड अप्रैल, 2019 में ही स्टेट प्रोजैक्ट मॉनीटरिंग यूनिट का गठन कर चुका है। साथ ही डैम सेफ्टी रिव्यू पैनल भी गठित कर दिया है।  पड़ोसी राज्य राजस्थान ने बोर्ड से भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए 113 बांधों की निरीक्षण रिपोर्ट जल शक्ति मंत्रालय को सौंप दी है। वहीं, राजस्थान सरकार ने 38 बांधों का डिजाइन फ्लड रिव्यू भी तैयार कर लिया है। वहीं, पंजाब सरकार अब तक एक भी बांध की निरीक्षण रिपोर्ट तक तैयार नहीं कर पाई है।

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कंडी में 12 छोटे व 2 बड़े बांध 
वैसे तो कंडी इलाके में छोटे बांधों की संख्या 12 से ’यादा है लेकिन फिलहाल ड्रिप-2 में 12 बांधों को शामिल किया गया है। इनमें सिसवां, डम्सल, छोहल, जनौरी, ढोलबाहा, सालरेन, नारा, पटियारी, मिर्जापुर, पर्च, मैली, थाना शामिल हैं। बड़े बांधों में रणजीत सागर डैम और भाखड़ा डैम का नाम शामिल है। हालांकि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अधीन फिलहाल भाखड़ा और पौंग डैम को ही ड्रिप-2 योजना में शामिल किया गया है। 
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रणजीत सागर डैम का मामला विचाराधीन
डैम सेफ्टी के तहत रणजीत सागर डैम के लिए अलग से यूनिट गठित करने का मामला अभी विचाराधीन ही है। पंजाब सरकार का विचार है कि रणजीत सागर डैम के लिए अलग से मॉनीटरिंग यूनिट का गठन किया जाए। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री स्तर पर किया जाएगा। अधिकारियों की मानें तो इस बाबत जल्द ही बैठक हो सकती है।

472.5 करोड़ का फंड होगा आबंटित
पंजाब सरकार की सुस्तमिजाजी का असर केंद्र से मिलने वाली धनराशि पर भी पड़ रहा है। केंद्र ने पंजाब में बांधों के पुनर्वास और सुधार के लिए 472.5 करोड़ की राशि आरक्षित की है। यह राशि तभी मिलेगी, जब ड्रिप-2 योजना के तहत जारी निर्देशों को अमल में लाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार को स्टेट प्रोजैक्ट मॉनीटरिंग यूनिट के गठन के अलावा बांध सुरक्षा विशेषज्ञों का डैम सेफ्टी रिव्यू पैनल तैयार करना होगा। यह राज्य के बांधों का निरीक्षण कर इंस्पैक्शन रिपोर्ट तैयार करेगा जिसे जल शक्ति मंत्रालय के सुपुर्द किया जाएगा। इसमें बांधों के डिजाइन फ्लड रिव्यू और करीब 30 फीसदी बांधों के प्रोजैक्ट स्क्रीङ्क्षनग टैम्पलेट भी तैयार करने होंगे। इसके बाद सैंट्रल प्रोजैक्ट मॉनीटरिंग यूनिट और विश्व बैंक की टीम बांधों की रिपोर्ट को मंजूरी प्रदान करेगी जिसके बाद पंजाब जल स्रोत विभाग बांधों के पुनर्वास और सुधार संबंधी टैंडर जारी करेगा। 

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