Edited By Vaneet,Updated: 11 May, 2018 09:00 PM
पंजाब सरकार ने आज प्रदेश में बायोगैस और बायो-सीएनजी संयंत्र स्थापित करने के लिए ब्रिटेन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और ब्रिटिश उच्चायोग के उप उच्चायुक्त एंड्रयू आयरे की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन (एमओयू)...
चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने आज प्रदेश में बायोगैस और बायो-सीएनजी संयंत्र स्थापित करने के लिए ब्रिटेन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और ब्रिटिश उच्चायोग के उप उच्चायुक्त एंड्रयू आयरे की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
यह प्रदेश सरकार के धान को जलाने की समस्या का स्थायी समाधान खोजने के प्रयासों के तहत किया गया है, जो पर्यावरण संबंधी चिंताओं का महत्वपूर्ण कारण बन गया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने ब्योरा देते हुए कहा कि यह एमओयू पंजाब ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोमोशन (पीबीआईपी) और पंजाब एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (पीईडीए) द्वारा रीका बायोफ्यूल्स डेवलपमेंट लि. ब्रिटेन के साथ किया गया है। उन्होंने कहा कि ये संयंत्र एक नए पेटेंट किए गए एरोबिक डायजेस्टर अवधारणा और स्ट्रॉ एक्सट्रूडिंग तकनीक पर आधारित होंगे।
रीका की 10-15 करोड़ अमेरिकी डॉलर के कुल निवेश के साथ 10 बायो -सीएनजी संयंत्रों को बनाने की योजना है, जो परिचालन और आपूॢत श्रृंखला में 1,000 नौकरियां सृजित करेगा। 2019 में पहला संयंत्र चालू करने का लक्ष्य है। रीका के निदेशक ग्रेगरी क्रिपिकोव्स ने कहा, हम पंजाब सरकार के साथ काम करने को लेकर बहुत उत्साहित हैं । धान की भूसी जलाने से होने वाली पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने में पंजाब और भारत को मदद करने के साथ हम इन परियोजनाओं को विकसित करने की ओर ध्यान दे रहे हैं।