Edited By Updated: 02 Feb, 2017 12:38 PM
मेरे सपनों के पंजाब के बारे में बोलते हुए लेखक सुरजीत बराड़ ने कहा कि मेरे सपनों का पंजाब सामाजिकता में ही संभव है क्योंकि मौजूदा पंजाब सबसे अधिक कुरीतियों का शिकार है। पंजाब में शिक्षा का स्तर ऊपर उठाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है।
मेरे सपनों के पंजाब के बारे में बोलते हुए लेखक सुरजीत बराड़ ने कहा कि मेरे सपनों का पंजाब सामाजिकता में ही संभव है क्योंकि मौजूदा पंजाब सबसे अधिक कुरीतियों का शिकार है। पंजाब में शिक्षा का स्तर ऊपर उठाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है। सरकारी शिक्षा प्रणाली की खस्ता हालत के मुकाबले निजी शिक्षण संस्थाओं में माता-पिता, अध्यापकों व बज्जों का शोषण हो रहा है। इस कारण बच्चों को स्तरीय शिक्षा नहीं मिल रही। उचित शिक्षा न मिलने के कारण पंजाब में बेरोजगारी ने पैर पसारे हुए हैं। नौजवान रोजगार के लिए भटक रहे हैं। जिन नौजवानों को रोजगार की प्राप्ति नहीं होती वे या तो डिप्रैशन का शिकार हो जाते हैं या फिर अपराध के रास्ते को अपना लेते हैं।
नौजवानों को संभालने के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की आवश्यकता है। पंजाब में इंडस्ट्री को और प्रफुल्लित करने की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक इंडस्ट्रीज राज्य में आएं व रोजगार के लिए भटक रहे नौजवानों का हाथ थाम सकें। किसान लाभ में नहीं रहा जिस कारण छोटे किसानों पर ऋण का बोझ बढ़ता जा रहा है। ऋण के नीचे दबे किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा।
फसलों का एम.आर.पी. निर्धारित किया जाना चाहिए। ऋण से दुखी किसान आत्महत्या की राह पर चल पड़े हैं। ऐसा रुझान किसानी क्षेत्र के लिए बेहद खतरनाक है। समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने में राजनीतिक दल असमर्थ हैं। समाज में बदलाव के लिए लोगों को खुद बदलना होगा। अगर वे खुद को बदलेंगे तभी समाज में अच्छा बदलाव आएगा। पंजाबी काफी अमीर भाषा है। आपसी सांझेदारी ने सभी को एकजुट रखा हुआ है। पंजाबी सभ्याचार पुरातन समय से काफी बदल गया है। यह बदलाव समय के साथ-साथ जरूरी भी है। मेरा मानना है कि पुरातन सभ्याचार के अच्छे भागों को अपनाना जरूरी होना चाहिए। इसके साथ ही अन्य सभ्याचारों की अच्छी रीतियों को अपना लेना चाहिए। अंत में मैं एक समाज की कामना करता हुआ नौजवान मतदाताओं से अपील करना चाहूंगा कि वे मतदान जरूर करेंऔर वह भी ऐसे राजनीतिज्ञ के पक्ष में करें जो उनके वोट हासिल करने की क्षमता रखता हो।