Edited By Updated: 06 May, 2017 02:51 PM
पंजाब को पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणीय राज्य बनाने और विरासत एवं संस्कृति से नवयुवा पीढ़ी को जोडऩे के मकसद के लिए व्यापक योजना बनाई जा रही है
चंडीगढ़ः पंजाब को पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणीय राज्य बनाने और विरासत एवं संस्कृति से नवयुवा पीढ़ी को जोडऩे के मकसद के लिए व्यापक योजना बनाई जा रही है, जिसको अमलीजामा पहनाने के लिए पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों संबंधी मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने विभाग की उच्च स्तरीय बैठक की।
सैक्टर-38 स्थित सांस्कृतिक विभाग कार्यालय में बैठक में सिद्धू ने कहा कि पंजाब में कई विरासती स्थल हैं, जो इन्हें विश्व विरासती स्थलों में शामिल होने की समर्था रखती हैं विश्व विरासती स्थलों में शामिल करवाने के लिए यूनैस्को तक पहुंच की जाएगी। वहीं सिद्धू ने भ्रष्ट अधिकारियों दो-टूक जवाब देते कहा कि गलतियां तो माफ हो सकतीं हैं मगर भ्रष्टाचार नहीं। सिद्धू सस्पैंड किए गए बठिंडा इम्परूवमैंट ट्रस्ट के भ्रष्ट अधिकारियों के बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ पंजाब का विकास करेगी।
उन्होंने कहा कि पुरातत्व विभाग से तालमेल स्थापित कर उन अधीन आती पंजाब के विरासती स्थलों को भी पर्यटन केंद्र के तौर पर उभारा जाएगा। सिद्धू ने कहा कि पंजाब का अमीर सांस्कृति एवं विरसा है और यहां के धार्मिक स्थानों के दर्शनों के लिए पूरी विश्व से श्रद्धालु आते हैं। पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों संबंधी मंत्री ने कहा कि अमृतसर में रोजाना सवा लाख सैलानी आते हैं जो श्री दरबार साहिब के दर्शन कर उसी दिन वापस चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि अकेले अमृतसर में दुग्र्याणा मंदिर, जलियांवाला बाग, वॉर मैमोरियल, वाघा अटारी सीमा, गोविंदगढ़ किला, भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल सहित कई पर्यटन स्थल के पक्ष से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि अमृतसर पंजाब के पर्यटन का मुख्य केंद्र बन सकता है जहां रोजाना आने वाले पर्यटकों को सुविधाएं देकर इसकी संख्या को और बढ़ाया जा सकता है।